ईरान की हरकत पर भड़का मुस्लिम देश कतर, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
दोहा: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के 12वें दिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम की घोषणा की है, लेकिन ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल हमले जारी हैं। इस बीच, इस्लामिक देश कतर ने ईरान के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है। कतर ने दोहा में ईरानी राजदूत को बुलाकर सोमवार को हुए मिसाइल हमले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें दोहा स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया था।
कतर के विदेश मंत्रालय ने ईरान के राजदूत अली अबादी को बुलाकर सोमवार को अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। कतर का कहना है कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ-साथ कतर की संप्रभुता और उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन हैं। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दोहा को यह अधिकार है कि वह अल उदीद एयरबेस पर ईरान द्वारा किए गए हमलों के बारे में सवाल कर सके।
खास बात यह है कि ईरान ने यह हमला तब किया, जब कतर का प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) अमेरिका के साथ मिलकर ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम कराने की कोशिश कर रहा था। इससे कतर की मध्यस्थता प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं।
कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस हमले को अपनी संप्रभुता, वायु सीमा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कतर को इसका उचित जवाब मांगने का पूरा अधिकार है। कतर के विदेश राज्य मंत्री सुल्तान अल-मुरैखी ने ईरानी राजदूत को बुलाकर यह स्पष्ट किया कि यह हमला पड़ोसी देशों के बीच अच्छे संबंधों के सिद्धांत और द्विपक्षीय रिश्तों के विरुद्ध है।
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ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। सरकारी मीडिया के अनुसार, यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए हमलों का जवाब थी। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने सोमवार रात इराक और कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया।
खबरों के अनुसार, कतर स्थित अल-उदीद एयरबेस, जहां लगभग 8,000 से 10,000 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं, पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा माना जाता है। ईरानी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई अमेरिका के कदमों के जवाब में ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया थी।