रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक राजनीति, ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा सहयोग तेजी से बदल रहे हैं।
पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 4 दिसंबर को अनौपचारिक मुलाकात होगी, जबकि 5 दिसंबर को औपचारिक द्विपक्षीय बैठक और सभी प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। रूस और भारत कुल 25 बड़े समझौते करने की तैयारी में हैं, जिनमें 10 सरकारी और 15 से अधिक कारोबारी एग्रीमेंट शामिल हैं। पुतिन इस दौरान 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
पुतिन के साथ रूस के 7 बड़े मंत्री भारत आ रहे हैं। इनमें रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोव, वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव और रूस के सेंट्रल बैंक की प्रमुख एल्विरा नबीउलिना शामिल हैं। बाकी चार मंत्रियों के नाम रूस ने अभी सार्वजनिक नहीं किए हैं। इसके अलावा रूस के बड़े उद्योगपति और मीडिया हस्तियां भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी। इनमें रोसनेफ्ट के प्रमुख इगोर सेचिन और लोकप्रिय टीवी नेटवर्क RT की एडिटर मार्गरिटा सिमोनियन शामिल हैं। पुतिन और सिमोनियन भारत में नए अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल RT India के लॉन्च कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरे में व्यापार, अर्थव्यवस्था, रक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, मीडिया और कामगारों की गतिशीलता (Labour Mobility) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समझौते तय हैं। रूस में कामगारों की जरूरत बढ़ने के कारण दोनों देशों के बीच लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट पर सहमति बनने की उम्मीद है, जिससे भारतीय कामगारों के लिए रूस में सुरक्षित और बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे।
भारतीय व्यापार घाटे को कम करने और तेल व्यापार को आसान बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। फिलहाल भारत-रूस व्यापार 63 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है और लक्ष्य है कि इसे 2030 तक 100 अरब डॉलर तक ले जाया जाए।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि S-400 मिसाइल सिस्टम और Su-57 लड़ाकू विमान चर्चा के प्रमुख मुद्दे होंगे। दोनों देश रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को और गहरा करना चाहते हैं। ऊर्जा सहयोग, परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं और तेल-गैस सप्लाई श्रृंखला भी इस दौरे की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
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पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि रूस जानता है कि अमेरिका की ओर से भारत पर दबाव बनाया जाता है, लेकिन मॉस्को मानता है कि भारत पूरी तरह संप्रभु और स्वतंत्र फैसला लेने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस के बीच दशकों पुरानी दोस्ती है और यह दौरा इस रिश्ते को व्यापार, रक्षा और रणनीतिक क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा।