पीएम मोदी पोलैंड दौरे के दौरान
वारसॉ: भारत के प्रधानमंत्री दो दिवसीय यानी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड यात्रा पर रहे। उन्होंने गुरुवार को भारत और पोलैंड ने गुरुवार को अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पोलिश समकक्ष डोनाल्ड टस्क के बीच व्यापक वार्ता के बाद कुशल श्रमिकों की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित करने का संकल्प व्यक्त किया।
टस्क ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के नयी दिल्ली के प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार बनने की वारसॉ की इच्छा भी व्यक्त की। मोदी बुधवार को पोलैंड की राजधानी पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की लगभग आधी सदी में पोलैंड की पहली यात्रा है। दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में मोदी शुक्रवार को कीव में करीब सात घंटे रहेंगे।
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प्रधानमंत्री ने पोलिश राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा के साथ भी बातचीत की। मोदी-टस्क वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने भारत-पोलैंड रणनीतिक साझेदारी के लिए एक पंचवर्षीय ‘कार्य योजना’ (2024-2028) का अनावरण किया। जिसमें सहयोग के लिए रक्षा, व्यापार, कृषि-तकनीक, ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल्स और खनन समेत कई क्षेत्रों की पहचान की गई।
टस्क की मौजूदगी में मोदी ने मीडिया में दिए अपने बयान में कहा कि इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का निर्णय लिया है।
कार्य योजना के तहत ये इन क्षेत्रों में प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा, आज हमने अपने संबंधों को नई दिशा देने के लिए कई पहलों की पहचान की है। ‘कार्य योजना’ में राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, परिवहन और संपर्क, जलवायु, ऊर्जा, खनन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और यूरोपीय संघ-भारत समेत अलग-अलग स्तंभों के अंतर्गत सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए कई प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है।
इसमें विशेष रूप से चल रही भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और निवेश वार्ता के शीघ्र समापन, भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) के संचालन और भारत-यूरोपीय संघ संपर्क साझेदारी के कार्यान्वयन का समर्थन करने का उल्लेख किया गया।
पोलैंड को धन्यवाद
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा समझौता कार्यबल की आवाजाही को बढ़ावा देगा और उनका कल्याण सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री ने 2022 में संघर्ष शुरू होने के बाद यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में सहायता करने के लिए पोलैंड को धन्यवाद भी दिया। टस्क ने कहा कि पोलैंड भारत के साथ अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाना चाहता है। हम सैन्य उपकरणों के आधुनिकीकरण में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ एवं गहन बनाने की आवश्यकता को स्वीकार किया। इस उद्देश्य से उन्होंने रक्षा सहयोग के लिए संयुक्त कार्य समूह सहित मौजूदा द्विपक्षीय तंत्रों का पूर्ण उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने संबंधों को नयी दिशा देने के लिए कई पहलों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहयोग को व्यापक बनाने के लिए निजी क्षेत्र को जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि पोलैंड खाद्य प्रसंस्करण में विश्व के अग्रणी देशों में से एक है। हम चाहते हैं कि पोलिश कंपनियां भारत में बनाए जा रहे मेगा फूड पार्कों से जुड़ें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण से जलशोधन, ठोस कचरा प्रबंधन, शहरी बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में हमारे सहयोग के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
पीएम ने कहा कि स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भी हमारी साझा प्राथमिकताएं हैं। हम पोलैंड की कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संपर्क के महत्व पर बल दिया तथा दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू होने का स्वागत किया।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में यूरोपीय संघ और भारत का बहुध्रुवीय विश्व में सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में साझा हित है।
प्रधानमंत्री ने कहा उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे न केवल दोनों पक्षों को लाभ होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसमें कहा गया है। उन्होंने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार वक्त की दरकार है। उन्होंने कहा, आतंकवाद हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। मानवता में विश्वास रखने वाले भारत एवं पोलैंड जैसे देशों के बीच इस तरह का और अधिक सहयोग आवश्यक है।
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प्रधानमंत्री ने कहा, इसी तरह, जलवायु परिवर्तन हमारे लिए साझा प्राथमिकता का विषय है। हम दोनों अपनी क्षमताओं को मिलाकर हरित भविष्य के लिए काम करेंगे। मोदी ने कहा, पोलैंड जनवरी 2025 में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालेगा। मुझे विश्वास है कि आपका सहयोग भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।