रूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सोर्स-स्क्रीन ग्रैब)
मॉस्को: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं। इस दौरान आज पीएम मोदी मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत में पिछले दस साल में आए बदलाव को लेकर कई बातें की। उन्होंने भारत के इकॉनमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी ने भारत में हो रहे बदलाव का पूरा श्रेय भारत के नागरिकों की मेहनत को दिया है।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते शुरू किया कि मैं यहां अकेले नहीं आया हूं। मैं यहां भारत की मिट्टी की खुशबू लेकर आया हूं। मैं आपके लिए 140 करोड़ भारतीयों का प्यार लेकर आया हूँ। पीएम मोदी ने कहा कि आज 9 जुलाई है, इसी के साथ मेरे तीसरे कार्यकाल के शपथ लिए एक महीना पूरा हो गया। पिछले महीने इसी दिन मैनें एक प्रण किया था।
उन्होंने कहा कि मैंने यह तय किया था कि अपने तीसरे टर्म में तीन गुनी ताकत के साथ काम करूंगा। तीन गुनी रफ्तार से काम करूंगा। यह भी एक संयोग है कि सरकार के कई लक्ष्यों में तीन का अंक छाया हुआ है। तीसरे टर्म में भारत को तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनाना, गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाना और 3 करोड़ लखपती दीदी बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि शायद आपके लिए ये शब्द नया हो लेकिन हम आपको बता दें कि भारत में चल रहे सेल्फ हेल्प ग्रुप में शामिल तीन कोरड़ महिलाओं को हम लखपती दीदी बनाना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब मैं पहली बार प्रधानमंत्री बना तब भारत सैंकड़ों में स्टार्टअप होते थे, आज करोड़ों की संख्या में है। दुनिया भारत के युवाओं के टैलेंट को देख कर अचंभित है। पिछले दस सालों में भारत के विकास की रफ्तार को देखकर दुनिया हैरान है। दुनिया के लोग अब कहते हैं कि भारत बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनाता है, सबसे ऊंची स्टैच्यू बनवाता है तो दुनिया कहती है कि भारत बदल रहा है। पीएम मोदी के संबोधन के बीच में वहां मौजूद भीड़ से आवाज आई की मोदी जी आज आप दिन रात मेहनत करते हो। जिसपर पीएम मोदी ने कहा कि मेहनत केवल मैं नहीं बल्कि पूरा भारत कर रहा है। देश के हर किसान, हर युवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वाले सबी भारतीय आज भारत पर गर्व कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 2014 से पहले भारत निराशा के गर्त में डूब चूका था। देश को हताशा ने जकड़ लिया था। लेकिन आज के दिन हमारा देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उन्होंने उदाहरण से अपनी बातों को समझाते हुए कहा कि अगर किसी अस्पताल में एक ही बीमारी के दो मरीज हो और उतने ही सामर्थ्यवान डॉक्टर हो तो निराशा वाले मरीज और आत्मविश्वास वाले मरीज में अंतर दिखेगा। आत्मविश्वास वाले जल्द ठीक होकर घर जाएंगे और वहीं निराशा वाले को ले जाना पड़ेगा। आज भारत आत्मविश्वास से भरा जो की देश की सबसे बड़ी पूंजी है।
पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती को चुनौती देना मेरे DNA में है। अभी भारत का विकास केवल ट्रेलर है। आने वाल दस सालों में भारत विकास दुनिया के विकास का प्रतीक बनेगा। आगे उन्होंने भारत और रूस के रिश्ते को लेकर कहा कि मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद 6 बार रूस आया हूं। पिछले 10 सालों में हम (पुतिन) 17 बार मिल चुके हैं। मैं अपने दोस्त का आभारी हूं। भारत और रूस के बीच अनोका रिश्ता है। मैं रुस के साथ इस अनोखे रिश्ते का कायल हूं। हमारी दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी। रूसी भाषा में druzhba को हिंदी में दोस्ती कहते हैं।