प्रतीकात्मक तस्वीर-जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक, ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को हुई ट्रेन हाईजैक की घटना को लेकर स्थिति और अधिक पेचीदा होती जा रही है, क्योंकि बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और पाकिस्तानी सेना के दावों में भारी अंतर है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, सभी आतंकियों को मार गिराया गया है, और बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है। दूसरी ओर, बीएलए का दावा है कि इस हमले में 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और उनके कब्जे में अब भी 150 बंधक मौजूद हैं।
दरअसल, 11 मार्च को दोपहर 1 बजे, आतंकियों ने बलूचिस्तान के बोलन जिले के दादर इलाके में जाफर एक्सप्रेस की पटरी को विस्फोट से उड़ा दिया और ट्रेन में सवार यात्रियों को बंधक बना लिया। ट्रेन में कुल 440 यात्री मौजूद थे। डीजी आईएसपीआर के अनुसार, सुरक्षाबलों के ऑपरेशन शुरू करने से पहले ही आतंकियों ने 21 निर्दोष यात्रियों की निर्ममता से हत्या कर दी।
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आतंकियों ने बंधकों को 3-4 समूहों में विभाजित कर उनके पास आत्मघाती हमलावरों को तैनात कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये आतंकी अफगानिस्तान में अपने हैंडलर्स से लगातार संपर्क में थे और निर्देश प्राप्त कर रहे थे।
डीजी आईएसपीआर के अनुसार, सुरक्षाबलों ने एक सफल अभियान चलाते हुए 33 आतंकवादियों को ढेर कर दिया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ। सुरक्षा बलों ने पूरी सावधानी और पेशेवर रणनीति के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस भयावह और कायराना हमले में शामिल सभी आतंकवादियों को मौके पर ही मार गिराया गया।
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक बयान में कहा कि उन्होंने केवल सेना और आईएसआई के अधिकारियों को बंधक बनाया है, जबकि बाकी लोगों को रिहा कर दिया गया है। 12 मार्च को बीएलए ने दावा किया कि उन्होंने अब तक 100 पाकिस्तानी कर्मचारियों को मार गिराया है। उनके अनुसार, बुधवार को महज एक घंटे के भीतर 50 बंधकों को मौत के घाट उतारा गया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि 11 मार्च की रात पाकिस्तान के ड्रोन हमले के जवाब में 10 बंधकों को मार दिया गया था। बीएलए का दावा है कि उनके कब्जे में अब भी 150 बंधक मौजूद हैं।