पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग , (सांकेतिक फोटो, सो. सोशल मीडिया)
Grooming Gang News: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार जहां देश के भीतर आर्मी चीफ आसिम मुनीर के विरोधियों पर सख्ती कर रही है, वहीं वह विदेशों में रह रहे आलोचकों को भी निशाने पर लेने की कोशिश कर रही है।
खबर है कि पाकिस्तान ने ब्रिटेन के साथ एक तरह की क्विड-प्रो-क्वो डील का संकेत दिया है यानी लेन-देन के बदले लेन-देन। दावा है कि पाकिस्तान ब्रिटेन में रह रहे पाकिस्तानी मूल के दोषी सेक्स अपराधियों को स्वीकार करने को तैयार है, लेकिन इसके बदले ब्रिटेन को पाकिस्तान के दो राजनीतिक विरोधियों को उसके हवाले करना होगा।
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने कारी अब्दुल रऊफ और आदिल खान जो ‘पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग’ के दोषी माने जाते हैं उनको वापस लेने की पेशकश की है। हालांकि यह तभी संभव बताया जा रहा है जब ब्रिटेन शहजाद अकबर (पूर्व पीएम इमरान खान के सलाहकार) और आदिल राजा (पूर्व सैन्य अधिकारी और आसिम मुनीर के आलोचक) को पाकिस्तान भेजने पर सहमत हो जाए।
दोनों 2022 से ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं और सेना तथा मौजूदा सरकार के मुखर विरोधी हैं। अमेरिका स्थित स्वतंत्र मंच Drop Site News ने यह दावा सूत्रों के हवाले से किया है।
ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग उन आपराधिक नेटवर्कों को कहा गया, जिनमें अधिकतर पाकिस्तानी मूल के पुरुष शामिल थे और जो नाबालिग श्वेत लड़कियों को झांसे में फंसाकर उनका यौन शोषण करते थे। उन्हें धमकाया जाता था, तस्करी की जाती थी और कई पुरुषों द्वारा बलात्कार कराया जाता था। मामले इतने भयावह थे कि एक पीड़िता ने बताया एक ही रात में 30-40 पुरुषों ने उसका रेप किया था।
यह भी पढ़ें:- बांग्लादेश में UN क्यों खोद रहा मुसलमानों की कब्रें? क्या है शेख हसीना से कनेक्शन
रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ दिन पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने ब्रिटेन की हाई कमिश्नर जेन मैरियट से मुलाकात की थी। इससे पहले इमरान खान की जेल में सेहत को लेकर फैली अफवाहों ने सरकार को “फेक न्यूज” के खिलाफ कदम उठाने पर मजबूर कर दिया था।
यह मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि ब्रिटिश सरकार लंबे समय से रोचडेल ग्रूमिंग गैंग के दोषियों रऊफ और खान को पाकिस्तान भेजने का दबाव बना रही है। लेकिन पाकिस्तान अब तक इसलिए इनकार करता रहा, क्योंकि दोनों ने पाकिस्तान की नागरिकता त्याग दी थी और 2018 में ब्रिटेन की नागरिकता भी रद्द हो गई, जिससे वे राज्यविहीन (stateless) बन गए।
पिछले वर्षों में एलन मस्क सहित कई लोगों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उनका दावा है कि ब्रिटेन में ढाई लाख बच्चे ऐसे गैंगों का शिकार हुए। लेकिन पाकिस्तान की अनिच्छा के कारण उनकी निर्वासन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। अब कथित समझौते के संकेत बताते हैं कि पाकिस्तान कुछ शर्तों पर रुख बदलने को तैयार हो सकता है लेकिन तभी, जब ब्रिटेन राजनीतिक शरण लिए बैठे दोनों आलोचकों को वापस भेजे।
ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के ग्रूमिंग गैंग 1990 के दशक से सक्रिय थे। वे गरीब और कमजोर नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाकर, उन्हें मानसिक रूप से नियंत्रित कर, डराकर और हिंसा के ज़रिए उनका यौन शोषण करते थे। रोथरहैम, रोचडेल, टेलफर्ड और ओल्डहम जैसे शहरों में लड़कियों की तस्करी और सामूहिक बलात्कार के असंख्य मामले सामने आए।
कुछ मामलों ने ब्रिटेन को झकझोर दिया जैसे हुसैन ब्रदर्स द्वारा कई नाबालिगों का शोषण, एक लड़की का 100 से ज्यादा पुरुषों द्वारा बलात्कार, और टेलफर्ड की एक 16 वर्षीय लड़की व उसके परिवार की हत्या।
2012 का रोचडेल केस ब्रिटेन के राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का बड़ा मुद्दा बना। ब्रिटिश सरकार वर्षों से दोषियों को देश से बाहर करने की कोशिश करती रही, लेकिन पाकिस्तान ने नागरिकता समाप्त होने और सामाजिक सुरक्षा के खतरे का हवाला देते हुए इन्हें स्वीकारने से इनकार करता रहा।