
ट्रंप के दावे पर पाकिस्तान ने दी सफाई (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan on Trump Nuke Testing Claim: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु परिक्षण को लेकर दिए बयान ने दुनियाभर देशों में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में दावा किया था कि रूस- चीन और पाकिस्तान कई महीनों से चुपचाप पानी के नीचे परमाणु हथियारों के परिक्षण कर रहे हैं। उनके इस दावे ने दुनिया में परमाणु बहस को फिर से गर्म कर दिया है। इसी बीच पाकिस्तान ने इसपर प्रतिक्रिया दी है।
इस बयान के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कड़ा जवाब दिया। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा, पाकिस्तान न तो पहला देश था जिसने परमाणु परीक्षण शुरू किए, और न ही वह भविष्य में ऐसा करने वाला पहला देश होगा। हालांकि कि अभी तक ट्रंप के बयान को लेकर प्रधानंमत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने कोई बयान नहीं दिया है।
ट्रंप ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि रूस और चीन परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन कोई इसके बारे में नहीं बोलता। नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहे हैं। इसलिए हम भी करेंगे। हालांकि, उनके इस दावे को अमेरिका के अधिकारियों ने पहले ही खारिज किया था। अमेरिकी संसद में STRATCOM (Strategic Command) के नए प्रमुख पद के लिए नामित अधिकारी ने स्पष्ट किया कि न तो रूस और न ही चीन वर्तमान में कोई परमाणु विस्फोट परीक्षण कर रहे हैं।
वहीं, चीन ने भी जवाब देते हुए कहा कि वह एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है और हमेशा अपने आत्मरक्षा आधारित परमाणु सिद्धांत का पालन करता है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण और वैश्विक स्थिरता के लिए ठोस कदम उठाए।
पाकिस्तान ने आखिरी बार 1998 में परमाणु परीक्षण किया था, जब उसने भारत के पोखरण परीक्षण का जवाब दिया। चीन का आखिरी परीक्षण 1996 में हुआ था, जबकि नॉर्थ कोरिया का हालिया परीक्षण 2017 में था, जो 1990 के दशक के बाद दुनिया का एकमात्र ज्ञात परमाणु विस्फोट रहा।
यह भी पढ़ें: कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी यूनुस सरकार, बांग्लादेश में रद्द हुई म्यूजिक टीचर की बहाली
ट्रंप ने अमेरिका के संभावित परीक्षण के संकेत भी दिए थे, लेकिन अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने बताया कि हम जिन परीक्षणों की बात कर रहे हैं, वे वास्तविक परमाणु विस्फोट नहीं हैं। ये सिस्टम टेस्ट हैं, जिनमें हथियारों के सभी हिस्सों की जांच की जाती है, लेकिन असली विस्फोट नहीं किया जाता।






