पाकिस्तान ने OIC बैठक में उठाया सिंधु जल संधि मुद्दा (फोटो- सोशल मीडिया)
Pakistan on Indus water Treaty: पाकिस्तान ने एक बार फिर सिंधु जल संधि को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है। भारत की ओर से सिंधु को रद्द करने के फैसले को पाकिस्तान ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मुस्लिम देशों से इस पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। पाकिस्तान ने ये आरोप सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक के दौरान लगाया।
सऊदी अरब के जेद्दा में OIC के 5वें स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग (IPHRC) सत्र की बैठक हो रही है। इस दौरान पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि सैयद फवाद शेर सिंधु जल संधि की ओर मुस्लिम देशों का ध्यान केंद्रीत करते हुए भारत के रवैये पर चिंता जताई।
सैयद फवाद शेर ने सिंधु जल संधि पर भारत की नीति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत द्वारा संधि के प्रावधानों को एकतरफा तरीके से बदलने का प्रयास पाकिस्तान के लिए गंभीर जल संकट पैदा कर सकता है, जो पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जल पर अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। फवाद ने यह भी चेतावनी दी कि भारत का कठोर रुख दक्षिण एशिया में पहले से मौजूद जलवायु संकट को और अधिक गहरा कर सकता है।
फवाद शेर ने अपने संबोधन में यह भी स्मरण कराया कि OIC के विदेश मंत्रियों ने भारत के निर्णय पर पहले ही चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व के अनेक देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन सिंधु जल संधि को बनाए रखने की अपील कर चुके हैं। फवाद शेर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपने जल अधिकारों की रक्षा के लिए इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठाता रहेगा।
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पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया। इसके तुरंत बाद भारत ने कश्मीर में चार प्रमुख हाइड्रोपावर परियोजनाओं पाकल डुल, किरु, क्वार और रतले पर तेजी से काम शुरू कर दिया। ये परियोजनाएं चिनाब नदी के किनारे स्थित हैं और इनके मई 2026 से जुलाई 2028 के बीच शुरू होने की संभावना है। इसके साथ ही दो अन्य पनबिजली परियोजनाओं की डिजाइन तैयार की जा रही है।