पाक सेना पर TTP के हमले की एक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Terror Attack on Pakistani Army: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सुनियोजित हमले में 11 अर्धसैनिक बलों की जान चली गई। हमलावरों ने पहले सड़क किनारे बम (आईईडी) विस्फोट किया और फिर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें नौ सैनिक और दो अधिकारियों की मौत हुई। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। जहां पिछले कुछ वर्षों में बार-बार चरमपंथी हमले हो चुके हैं।
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला अफगानिस्तान सीमा के पास अस्थिर कुर्रम जिले में हुआ। बता दें कि पाकिस्तानी तालिबान, जिसे तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) कहा जाता है उसने हाल के महीनों में पाक के सुरक्षा बलों पर हमलों की संख्या बढ़ा दी है। यह समूह सरकार को उखाड़ फेंक कर कट्टर इस्लामी शासन लागू करना चाहता है।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, हमला पहले सड़क किनारे बम विस्फोट के जरिए किया गया और उसके बाद बड़ी संख्या में हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में कई सैनिक घायल हुए, जिन्हें पास के सैन्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है ताकि हमलावरों को पकड़ने का प्रयास किया जा सके। अभी तक इस घटना पर किसी सरकारी अधिकारी या सेना के जनसंपर्क विभाग (ISPR) की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने रॉयटर्स संवाददाता को भेजे गए अपने बयान में दावा किया कि उनके लड़ाकों ने अर्धसैनिक बलों के काफिले पर यह हमला किया।
पिछले कुछ महीनों में TTP ने पाकिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमलों की गति बढ़ा दी है। यह समूह पाकिस्तान सरकार को गिराकर अपने अनुसार कड़े इस्लामी कानून लागू करना चाहता है। इस्लामाबाद का दावा है कि TTP के आतंकवादी अफगानिस्तान की सीमा के पास ठिकानों से हमलों की योजना बनाते और प्रशिक्षण लेते हैं। वहीं, काबुल ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
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पाकिस्तान का कुर्रम जिला अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थित है। यह क्षेत्र लंबे समय से आतंकवाद और साम्प्रदायिक हिंसा का केंद्र रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया हमला इस बात का साफ-साफ संकेत है कि पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में आतंकवाद की समस्या फिर से गंभीर रूप ले रही है। यह घटना अफगान सीमा के पास बढ़ती अस्थिरता का ताजा उदाहरण है। बता दें कि अभी सितंबर में ही दक्षिण वजीरिस्तान में हुए एक हमले में 12 सैनिक शहीद हुए थे। जिसकी जिम्मेदारी भी टीटीपी ने ली थी।