मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (कॉन्सेप्ट फोटो)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा को अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि राणा ने पिछले बीस वर्षों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है, इसलिए अब वह पाकिस्तानी नहीं बल्कि कनाडा का नागरिक माना जाता है।
मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के एक प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा को गुरुवार, 10 अप्रैल को एक विशेष विमान के जरिए भारत लाया जा रहा है। अमेरिका की एक उच्च अदालत ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे प्रत्यर्पण से बचने की उसकी अंतिम कोशिश भी नाकाम हो गई। राणा, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए इन हमलों में शामिल था और वह हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी माना जाता है।
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने के बाद तिहाड़ जेल के कड़े सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है। इस संबंध में जेल प्रशासन ने बुधवार को जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 64 वर्षीय राणा को जेल में रखने की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और अब वे अदालत के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
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केंद्र सरकार ने मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के मामले में मुकदमा चलाने के लिए एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है। देर रात जारी अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि अधिवक्ता नरेंद्र मान को इस मामले की सुनवाई और अन्य संबंधित कार्यवाही के लिए विशेष सरकारी अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया है।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया गया था। राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की योजना में मदद की थी। अब भारत, राणा से पूछताछ कर इस हमले से जुड़े गहरे राज़ जानने की कोशिश करेगा, खासतौर पर उन कड़ियों को उजागर करने की जो पाकिस्तान की भूमिका को लेकर लंबे समय से संदेह के घेरे में हैं। राणा की भारत में उपस्थिति जांच एजेंसियों के लिए इस मामले में अहम जानकारियों का स्रोत साबित हो सकती है।