इशाक डार (सोर्स- सोशल मीडिया)
Gaza Plan: पाकिस्तान पूरी दुनिया में धोखा देने के लिए बदनाम है। इसका ताजा शिकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हुए हैं। ट्रंप ने हाल ही में गाजा में शांति स्थापित करने के लिए एक 20 सूत्रीय योजना पेश की थी, जिसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पूर्ण समर्थन दिया था। लेकिन अपनी आदत से मजबूर पाकिस्तान एक बार फिर अपनी ज़ुबान से पलट गया है।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार का कहना है कि गाजा में युद्ध समाप्त करने को लेकर पेश किया गया प्रस्ताव अमेरिका और इज़रायल की ओर से लाया गया है। यह वह प्रस्ताव नहीं है, जो पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों के साथ मिलकर बनाया था। डार के इस बयान से पाकिस्तान में असमंजस की स्थिति बन गई है, क्योंकि पाकिस्तान किसी भी हाल में ट्रंप को नाराज नहीं करना चाहता।
ट्रंप ने शहबाज-मुनीर को बताया था महान
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को शांति प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उनका समर्थन करने वाले तमाम देशों की तारीफ की थी। उन्होंने पाकिस्तान के साथ कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कई अन्य खाड़ी देशों के नेताओं का शुक्रिया अदा किया था। इस दौरान ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर का खास तौर पर जिक्र किया था। ट्रंप ने दोनों को महान व्यक्ति बताते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने शुरुआत में ही उन्हें अपना समर्थन दे दिया था। हालांकि अब इशाक डार के बयान से उन्हें बड़ा झटका लग सकता है।
पाकिस्तान ने क्यों बदला पाला?
ट्रंप का बयान बाहर आते ही पाकिस्तान की जनता अपने नेताओं से नाराज हो गई। उनका मानना था कि अमेरिका के प्रस्ताव को समर्थन देना फिलिस्तीन के लोगों के साथ गद्दारी है। इसके चलते जनता ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। लगातार हो रही आलोचनाओं के बाद शहबाज सरकार को आज संसद में सफाई देनी पड़ी।
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डार ने कहा कि 22 सितंबर को मुस्लिम देशों की ट्रंप के साथ हुई बैठक में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इजराइली सेना को गाजा से पूरी तरह हटना चाहिए। पाकिस्तानी संसद में बोलते हुए इशाक डार ने कहा, मैंने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप द्वारा जारी किए गए 20 बिंदु हमारी ओर से पेश किए गए ड्राफ्ट से मेल नहीं खाते। इनमें कई संशोधन किए गए हैं, जो मूल प्रस्ताव में शामिल नहीं थे।