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टोक्यो : भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अब वैश्विक मंचों पर खुला समर्थन मिलने लगा है। जापान की राजधानी टोक्यो में भारतीय संसद की सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान के प्रमुख थिंक टैंकों से मुलाकात की और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों के साथ-साथ आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति को साझा किया।
इस महत्वपूर्ण बातचीत के दौरान जापानी विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति की सराहना की और समर्थन का भरोसा दिया। टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर साझा की।
दूतावास की पोस्ट में लिखा गया, “भारतीय संसद का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल टोक्यो में जापान के प्रमुख थिंक टैंकों से मिला और भारत की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति से उन्हें अवगत कराया। बातचीत के दौरान राज्य प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर विचार हुआ। प्रतिनिधियों ने भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई का मजबूती से समर्थन किया।
उधर, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी जापान के उप विदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी के साथ टोक्यो में एक महत्वपूर्ण बातचीत की। दोनों देशों के बीच हुई इस मुलाकात में भारत-जापान के स्पेशल स्ट्रैटजी एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।
भारतीय दूतावास के मुताबिक, “विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जापानी उप मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी से बातचीत की और भारत की आतंकवाद पर सख्त नीति दोहराई। बातचीत में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के साथ ही भारत की सुरक्षा चिंताओं को भी स्पष्ट किया गया।”
इससे पहले भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत के सभी राजनीतिक दलों की आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता को रखा गया। प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने बताया कि, हमने भारत का पक्ष स्पष्ट रूप से रखा, जिसे जापानी विदेश मंत्री ने पूरी गंभीरता से सुना और समर्थन भी दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और भारत ने जो संयम दिखाया है, उसकी सराहना की जानी चाहिए।
जापान के विदेश मंत्री ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर शोक जताते हुए कहा कि आतंक को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। आतंकवादियों को दंड मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहले ही उन्हें भारत की स्थिति से अवगत करा दिया था।