उत्तर कोरिया ने दागी परमाणु मिसाइल, (कॉन्सेप्ट फोटो)
North Korea Nuclear Missile Test: उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को एक और बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। जापान सरकार ने बताया कि मिसाइल को सुबह के समय दागा गया और यह संभवतः एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल थी। जापान कोस्ट गार्ड ने कहा कि मिसाइल समुद्र में गिरी है और किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है।
जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने बयान जारी करते हुए कहा कि अभी तक किसी तरह के नुकसान का कोई सबूत नहीं मिला है। सरकार स्थिति पर पूरी तरह नजर रख रही है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मिसाइल उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट से दागी गई और लगभग 450 किलोमीटर तक उड़ान भरने के बाद समुद्र में गिरी।
वहीं दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उसने मिसाइल लॉन्च को तुरंत ट्रैक किया। उनके मुताबिक यह मिसाइल उत्तर-पश्चिमी इलाके से दागी गई जो चीन की सीमा के पास है और करीब 700 किलोमीटर तक उड़ान भरी। सियोल ने इस लॉन्च की जानकारी अमेरिका और जापान दोनों के साथ साझा की है।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया था। यह परीक्षण उस वक्त हुआ था जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जापान में प्रधानमंत्री ताकाइची से मुलाकात कर रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लॉन्च अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए सीधा संदेश है।
पिछले महीने भी ताकाइची के प्रधानमंत्री पद संभालने के तुरंत बाद उत्तर कोरिया ने कई शॉर्ट-रेंज मिसाइलें दागी थीं। लगातार हो रहे ये परीक्षण क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया की यह रणनीति दोहरी है एक ओर वह अपनी सैन्य क्षमता दिखा रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका से बातचीत के लिए दबाव बना रहा है।
इस बीच, दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच संभावित शिखर बैठक की संभावना बनी हुई है। यह बैठक मार्च के बाद हो सकती है। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वे किम से मिलने को तैयार हैं, और इसके लिए प्रतिबंधों में आंशिक ढील देने पर भी विचार किया जा सकता है।
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए है। जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त रूप से कहा है कि वे क्षेत्र में किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए अमेरिका के साथ समन्वय बनाए रखेंगे।