नीदरलैंड में 11 महीने में गिर गई डच सरकार, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
एम्स्टर्डम: नीदरलैंड्स की राजनीति में मंगलवार को एक बड़ा बड़ा भूचाल आया। यहां के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी सरकार पीवीवी पार्टी के गठबंधन पर निर्भर थी, लेकिन पार्टी के नेता गीर्ट विल्डर्स ने अपना समर्थन वापस ले लिया पार्टी के नेता गीर्ट विल्डर्स ने बताया कि उनकी पार्टी के सभी मंत्री सरकार से इस्तीफा दे रहे हैं।
गीर्ट विल्डर्स ने कहा कि यह सरकार केवल 11 महीने ही टिक पाई। नीदरलैंड में जुलाई 2024 में गठबंधन सरकार बनी थी। उन्होंने बताया कि अन्य गठबंधन की पार्टियां शरणार्थी संकट को लेकर सख्त नीतियां नहीं बना रही थीं, इसलिए उन्होंने इस गठबंधन से बाहर जाने का फैसला किया है।
गीर्ट विल्डर्स भारत में अपनी कट्टरपंथी और मुस्लिम-विरोधी बयानबाजी के लिए चर्चित हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सख्त आप्रवासन नीति पर सहयोग नहीं किया। इसी वजह से उन्होंने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अब PVV के साथ आगामी चुनाव में उतरेंगे और प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
डिक स्कोफ ने इमरजेंसी कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि उन्होंने हाल ही में कई बार सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि सरकार का पतन अनावश्यक और गैर-जिम्मेदाराना होगा। उन्होंने बताया कि देश और दुनिया दोनों जगह बड़ी चुनौतियां सामने हैं, जिनसे निपटने के लिए मजबूत और स्थिर सरकार की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे अपना इस्तीफा मंगलवार को राजा विलेम-अलेक्जेंडर को सौंप रहे हैं।
धरती ने दी विनाश की चेतावनी! पाकिस्तान में भूकंप 19 झटकों का केंद्र बना परमाणु अड्डा, मचा हड़कंप
हालात इस तरह बन गए हैं कि PVV के मंत्री सरकार से बाहर हो जाएंगे, जबकि बाकी मंत्री अस्थायी सरकार के रूप में फिलहाल शासन संभालते रहेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर या नवंबर से पहले कोई चुनाव संभव नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि PVV का यह कदम बेहद रणनीतिक है और देश में विरोधी आव्रजन नीतियों का समर्थन बढ़ रहा है।
ऐसी स्थिति में आगामी चुनाव को आव्रजन नीति के मुद्दे पर एक तरह के जनमत संग्रह के रूप में देखा जा सकता है। यदि चुनाव इसी विषय पर केंद्रित रहता है, तो PVV को व्यापक समर्थन मिलने की संभावना है।