बेंजामिन नेतन्याहू, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
तेल अवीव: गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही के बीच, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वे अपने सभी बंधकों को वापस लाने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी बंधकों को लौटाया जाएगा चाहे वे जीवित हों या मृत। सोमवार को इजरायल के हवाई हमलों में गाजा में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक स्कूल में छिपे हुए 36 लोग भी शामिल थे। इस हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि हमले के वक्त सभी लोग सो रहे थे।
बेंजामिन नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 10 इजरायली बंधकों की रिहाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। हाल ही में इजरायल ने गाजा पर अपने हमलों की गति बढ़ा दी है। साथ ही, इजरायल ने गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इन कदमों के कारण नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
नेतन्याहू ने कहा कि चाहे आज हो या कल, हमें सभी बंधकों को वापस लाना ही होगा। हम हार नहीं मानेंगे। हमारा मकसद है कि सभी बंधकों को, चाहे वे जिंदा हों या मरे हुए, लौटाया जाए। अक्टूबर 2023 में हुए हमले में हमास के आतंकवादियों ने कम से कम 251 लोगों को बंधक बना लिया था। इजरायली सेना के अनुसार, इनमें से कम से कम 34 की मौत हो चुकी है, जबकि अभी भी 57 बंधक गाजा में बंद हैं।
सोमवार को हमास ने बताया कि उसने अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ द्वारा प्रस्तावित सीजफायर को स्वीकार कर लिया है। लेकिन बाद में विटकॉफ के ही एक प्रवक्ता ने कहा कि फिलिस्तीनी पक्ष इस प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि हमास ने उन्हें निराश किया है और वह इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर रहा है।
खबरों के मुताबिक इस हमले में करीब 33 लोग मारे गए और कई बच्चे घायल हो गए। इजरायली सेना का कहना है कि वहां कई हमास के आतंकवादी छिपे हुए थे और उन्होंने ऑपरेशन ऐसा किया कि आम लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचे।
इसी दौरान शिफा अस्पताल ने जानकारी दी कि सोमवार को एक मकान पर हुए हमले में एक ही परिवार के 15 लोग मारे गए, जिनमें पांच महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। स्पेन में जुटे यूरोपीय और अरब देशों के नेताओं ने कहा कि यह युद्ध अब बंद होना चाहिए क्योंकि यह पूरी तरह अमानवीय है। दूसरी ओर, इजरायल ने स्पष्ट किया कि जब तक हमास का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता और सभी बंधक वापस नहीं आ जाते, तब तक युद्धविराम की घोषणा नहीं की जाएगी।