राजशाही समर्थकों का नेपाल में प्रदर्शन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
काठमांडू: नेपाल में इन दिनों माहौल काफी गर्म है। वहां राजशाही की बहाली की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके चलते कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी सिलसिले में रविवार को पूर्व गृह मंत्री कमल थापा समेत करीब आधा दर्जन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन पर आरोप है कि ये लोग काठमांडू के प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
राजशाही की पुनर्स्थापना और नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी), आरपीपी नेपाल और अन्य राजशाही समर्थक समूहों ने नारायणचौर में आंदोलन के चौथे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया। काठमांडू स्थित नारायणहिटी पैलेस के आसपास प्रदर्शन और जनसभाओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है और इसके साथ ही क्षेत्र में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
काठमांडू घाटी पुलिस के प्रवक्ता एपिल बोहोरा ने बताया कि राजशाही के प्रबल समर्थक और आरपीपी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास बलुवाटर की ओर बढ़ने का प्रयास किया, तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसी दौरान राजेंद्र लिंगडेन की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।
बोहरा ने बताया कि थापा समेत अन्य लोगों को नारायणहिती पैलेस संग्रहालय क्षेत्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 1,200 लोग, जो राजशाही के समर्थक थे, उन्होंने साथ मिलकर गणतंत्र प्रणाली के खिलाफ और राजशाही के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान अपने हाथों में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें थाम रखी थीं और प्रधानमंत्री के पी ओली की सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि जब तक नेपाल में राजशाही को फिर से स्थापित नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।