नेपाल के राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा (फोटो- सोशल मीडिया)
Nepali Gen Z Protests: नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ देशभर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। जनता का गुस्सा इतना भड़क गया है कि हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन तक को आग के हवाले कर दिया। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में अराजकता फैली हुई है।
इन उथल-पुथल भरे हालातों के बीच पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया और अब राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने भी पद छोड़ दिया है। देश गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है, और शासन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसा में अब तक 21 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से घायल है।
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बढ़ते दबाव के चलते कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। सबसे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने अपने पद छोड़े। हालात लगातार बिगड़ते देख अंततः प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी इस्तीफा दे दिया। अब प्रदर्शनकारी काठमांडू के मेयर बालेन शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
इसी बीच, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने सामूहिक इस्तीफे का फैसला किया है। रवि लामिछाने के नेतृत्व में पहली बार चुनाव जीतकर संसद में पहुंची इस पार्टी ने शुरू से ही जनता के विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। पार्टी का कहना है कि मौजूदा हालात में संसद को भंग कर नए चुनाव कराए जाने चाहिए, ताकि जनता को बेहतर नेतृत्व चुनने का मौका मिल सके। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम ओली सरकार पर अतिरिक्त दबाव डालने की रणनीति का हिस्सा है।
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केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारी काठमांडू के मेयर बालेन शाह को आंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। बालेन शाह एक सिविल इंजिनियर और रैपर है। उन्होंने बिना किसी राजनीति पार्टी के मदद के काठमांडू के मेयर पद का चुनाव जीता था। साल 2024 में प्रतिष्ठीत टाईम मैग्जीन ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था।