नेपाल हिंसा की तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Nepal Jail Break: सोमवार से शुरू हुआ Gen-Z प्रदर्शन अब धीरे-धीरे थमता नजर आ रहा है। इस अफरा-तफरी का लाभ जेलों में बंद कैदियों ने भी उठाया और देशभर की अलग-अलग जेलों से 13 हज़ार से ज़्यादा कैदी भागने में सफल हो गए। कई जेलें भारत की सीमा के नजदीक स्थित हैं। इसी वजह से भारत में भी चिंता बढ़ गई है, क्योंकि आशंका है कि फरार कैदी सीमा पार कर सकते हैं। हालांकि भारतीय सेना ने नेपाल बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ा दी है।
नेपाल की जेलों में लगभग 30 हजार कैदी बंद थे। लेकिन जब हिंसा तेज हुई और सरकार गिर गई, तो पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर हट गए। इस हालात का फायदा उठाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों और सरकारी दफ्तरों में तोड़फोड़ की। इसी अफरा-तफरी के बीच कैदी जेल से फरार हो गए। इतना ही नहीं, थानों से पुलिस के हथियार भी लूट लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी नेपाल की एक जेल में हुई झड़प के दौरान सुरक्षाकर्मियों और बंद कैदियों के बीच टकराव हो गया, जिसमें कम से कम पांच किशोर कैदियों की जान चली गई।
इतना ही नहीं, काठमांडू के पास स्थित रसवा जेल से कुख्यात अपराधी उदय सेठी भी फरार हो गया है। जानकारी के मुताबिक, उदय सेठी का अंडरवर्ल्ड सरगना से गहरा संबंध रहा है और उसने नेपाल के दर्जनभर से ज्यादा उद्योगपतियों के अपहरण की वारदात को अंजाम दिया था। इन्हीं मामलों में वह रसवा जेल में सजा काट रहा था। मौजूदा हालात का फायदा उठाकर उसने जेल से भागने में कामयाबी पा ली। उसके फरार होने की खबर से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
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नेपाल के कई जिलों में से सैकड़ों कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए हैं। सबसे ज्यादा कैदी झुमका जेल से भागे हैं, जहां से करीब 1575 बंदी बाहर निकलने में सफल रहे। झुमका जेल में पहले भी भारत के कई कुख्यात अपराधी कैद रह चुके हैं। वर्ष 2010 में कुछ शातिर कैदियों ने नेपालियों के साथ मिलकर सुरंग बनाकर इसी जेल से फरारी की थी। उस घटना के बाद भारत और नेपाल के अपराधियों की सांठगांठ उजागर हुई थी। यही कारण है कि इस बार झुमका जेल से इतनी बड़ी संख्या में कैदी भागने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां भी चौकन्नी हो गई हैं।