NASA में ट्रंप की एंट्री से मचा हड़कंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन द्वारा बजट में कटौती के चलते 2,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया में कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, जो नासा के महत्वपूर्ण अभियानों से जुड़े हुए हैं। देशभर में मौजूद नासा के 10 केंद्रों पर स्टाफ घटाने की योजना पर काम हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, वे जीएस-13 से जीएस-15 ग्रेड के हैं, जो आमतौर पर अनुभवी और प्रबंधन या विशेष कौशल वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारी होते हैं। हैरानी की बात यह है कि ट्रंप प्रशासन ने उन विशेषज्ञों को निशाना बनाया है, जिन्होंने NASA में कई दशकों तक सेवा दी है। माना जा रहा है कि इस कदम से स्पेस एजेंसी की कार्यक्षमता और मिशनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सरकार कर्मचारियों की संख्या घटाने के लिए समयपूर्व सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक इस्तीफा और प्रोत्साहन राशि देने जैसी योजनाओं पर काम कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने 2,145 कर्मचारियों को ऐसी पेशकशें की हैं। इनमें से 1,818 कर्मचारी विज्ञान और मानव अंतरिक्ष मिशनों जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत हैं, जबकि शेष कर्मचारी आईटी सहित अन्य सहायक भूमिकाओं में तैनात हैं।
रॉयटर्स से बातचीत में नासा की प्रवक्ता बेथनी स्टीवन्स ने कहा, “नासा अपने मिशनों के प्रति पूरी तरह समर्पित है और हम सीमित बजट के भीतर अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप काम कर रहे हैं।” वहीं, पॉलिटिको से बात करते हुए अंतरिक्ष नीति विशेषज्ञ केसी ड्रियर ने कहा, “एजेंसी अपने महत्वपूर्ण तकनीकी और प्रबंधन विशेषज्ञों को खो रही है।” उन्होंने आगे सवाल उठाया, “आख़िर इस कदम के पीछे की रणनीति क्या है और इससे हासिल क्या किया जाना है?”
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ट्रंप सरकार की योजना के तहत कर्मचारियों को अर्ली रिटायरमेंट, बायआउट और डिफर्ड रेजिग्नेशन जैसे विकल्प दिए जा रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इतने अनुभवी विशेषज्ञों की कमी के बीच NASA अपने आगामी मिशनों जैसे चंद्रमा और मंगल पर भेजे जाने वाले अंतरिक्ष अभियानों को समयबद्ध और सफलता के साथ पूरा कर पाएगा?
NASA फिलहाल बिना एडमिनिस्ट्रेटर के काम कर रहा है। ट्रंप प्रशासन ने अरबपति स्पेस टूरिस्ट जारेड आइजैकमैन की नामांकन प्रक्रिया अचानक वापस ले ली, जिनका नाम एलन मस्क ने खुद प्रस्तावित किया था। माना जा रहा है कि यह फैसला मस्क और उनकी कंपनी स्पेसX के खिलाफ राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। एक ओर जहां ये नीतियां सरकारी खर्चों में कटौती की दिशा में उठाए गए कदम दिखती हैं, वहीं दूसरी ओर ये NASA की साख और अमेरिका की ‘स्पेस सुपरपावर’ छवि के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं।