सूडान में मस्जिद पर ड्रोन हमला (फोटो- सोशल मीडिया)
Drone Attack on Mosque in Sudan: सूडान के उत्तरी दारफुर की राजधानी अल फशर में शुक्रवार तड़के एक बड़ी दर्दनाक घटना हुई। एक अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने ड्रोन से एक मस्जिद पर हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब मस्जिद में लोग नमाज पढ़ रहे थे। इस हमले में 75 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में बच्चे और बुज़ुर्ग भी शामिल हैं।
इस बात की जानकारी एक स्थानीय मेडिकल संगठन सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने दी। उन्होंने इस हमले को निहत्थे नागरिकों पर जघन्य अपराध बताया और कहा कि यह हमला मानवता, धर्म और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की खुली अनदेखी है।
एक स्थानीय समूह ‘द रेसिस्टेंस कमिटीज इन अल फशर’ ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें मस्जिद के कुछ हिस्से टूटे हुए और वहां कई शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी तक इस वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है।
👈على الجانب الآخر من الرقعة #العربية في #السودان تُمارس ذات الأذرع في #غزّة القتل ذاته في #الفاشر حيث أسفر استهداف من #قوات #الدعم_السريع مسجدا بمسيّرة تمخّض عنه ارتقاء 70مدنيا بمسجد بالمدينة عاصمة ولاية شمال #دارفور غربي السودان
اللعنة على الامارات ومشروعهاالخبيث pic.twitter.com/oAc1Lvc9p9
— YAAKOUBE IDRISS (@YaakoubeI) September 19, 2025
मस्जिद की सही जगह के बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन यह हमला पिछले हफ्तों से हो रहे कई हमलों में से एक है। दरअसल, सूडान की सेना और RSF के बीच अप्रैल 2023 से लड़ाई चल रही है, जो अब एक गृहयुद्ध का रूप ले चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस गृहयुद्ध में अब तक कम से कम 40,000 लोग मारे गए हैं, 1.2 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं और कई लोग भुखमरी की कगार पर हैं।
गुरुवार को यह लड़ाई ज्यादातर पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में सीमित थी, लेकिन शुक्रवार को RSF ने सीधे नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। सूडान लंबे समय से से जूझ रहा है। राजनीतिक आस्थिरता के कारण कई अर्धसैनिक संगठन खड़े हो गए हैं। जो अब सीधा सरकार को चुनौती दे रहा हैं।
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दारफुर विक्टिम्स सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने बताया कि लोगों ने इलाके में तेज धमाके सुने और ड्रोन उड़ते देखे। वहीं, रेसिस्टेंस कमेटी ने कहा कि RSF ने महिलाओं, बुजुर्गों और शिविरों में रह रहे बेघर लोगों पर हमला किया। यह घटना दिखाती है कि स्थिति कितनी गंभीर और खतरनाक हो चुकी है, और आम नागरिक सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं।