अमेरिकी सैनिक की तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: रूस-यूक्रेन युद्ध की तबाही यूरोप के अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित कर रही है। हाल ही में लिथुआनिया में नाटो के एक अभ्यास के दौरान एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने सभी का ध्यान खींचा। अमेरिकी सैनिकों का एक दल, जो बेलारूस की सीमा के निकट पाब्राडे प्रशिक्षण मैदान में तैनात था, एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गया। यह हादसा उस समय हुआ जब सैनिक M88A2 हरक्यूलिस वाहन के भीतर थे और अचानक लापता हो गए। छह दिनों तक चले इस बचाव अभियान के बाद अंततः चौथे अमेरिकी सैनिक का शव बरामद किया गया।
इस दुखद घटना में पहले तीन सैनिक जोस डुएनेज़, जूनियर (25), एडविन फ्रैंको (25) और डांटे तैतानो (21) की पहचान हो चुकी है। उनके शव उनके वाहन के साथ एक पीट दलदल में पाए गए। चौथे सैनिक का शव मंगलवार को बरामद हुआ, लेकिन उसकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। मेजर जनरल क्रिस्टोफर नॉरी ने इस क्षति को “बेहद विनाशकारी” बताया और कहा कि ये सैनिक मार्ने डिवीजन के सम्मानित सदस्य थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस कठिन समय में सैनिकों के परिवारों और प्रियजनों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
अमेरिकी सेना, नौसेना और लिथुआनिया, पोलैंड और एस्टोनिया के सशस्त्र बलों ने मिलकर सैनिकों के लिए यह बचाव अभियान संचालित किया। मेजर जनरल क्रिस्टोफर नॉरी ने कहा, “पिछला सप्ताह बेहद विनाशकारी रहा है। आज हमारे दिल असहनीय दुख से भरे हुए हैं… उनके बिना दुनिया और भी अंधेरी लग रही है।”
विदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
लेफ्टिनेंट जनरल चार्ल्स कॉस्टांजा ने इसे “दुर्घटना” करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि विभिन्न कमांड, देशों और महाद्वीपों से आई असाधारण रिकवरी टीम को एकजुट होते देखना एक विनम्र अनुभव था। इस घटना की जांच अब भी जारी है, और अधिकारियों ने बताया कि लिथुआनिया और एस्टोनिया से बचाव कुत्तों की सहायता से यह खोज संभव हुई।
सोमवार को हरक्यूलिस वाहन को निकालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसमें बख्तरबंद वाहनों के बेड़े ने रास्ता साफ किया और डूबे हुए टैंक को बाहर निकाला। उल्लेखनीय है कि M88A2 हरक्यूलिस अमेरिकी सेना के सबसे बड़े सैन्य वाहनों में से एक है, जिसे युद्धक्षेत्र से क्षतिग्रस्त टैंकों और अन्य भारी वाहनों को निकालने के लिए बनाया गया है। इस विशाल वाहन को निकालने के लिए दो अतिरिक्त M88A2 हरक्यूलिस और एक बुलडोजर की सहायता ली गई।
मेजर जनरल कर्टिस टेलर ने खोज दल के साहसिक प्रयासों की सराहना करते हुए विशेष रूप से लिथुआनियाई सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “मैं वीर सैनिकों के समर्पण की सराहना करता हूं। हमारे लिथुआनियाई सहयोगियों का योगदान अविस्मरणीय है और यह हमारे राष्ट्रों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है।”