मारिया कोरिना मचाडो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Maria Corina Machado: नोबेल पीस कमेटी ने वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया है। इस बीच सोशल मीडिया पर मचाडो की पहली प्रतिक्रिया का वीडियो वायरल हो रहा है। मचाडो ने इसे अपनी नहीं, बल्कि पूरे समाज की उपलब्धि बताया और कहा, “यह एक आंदोलन है, मेरी अकेले की जीत नहीं।”
नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टीट्यूट के निदेशक क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने ऐलान के बाद उन्हें फोन कर यह खुशखबरी दी। नोबेल जीतने की जानकारी मिलने पर मचाडो भावुक हो गईं। उनकी आँखों से आँसू छलक पड़े। हार्पविकेन खुद भी इस क्षण में भावुक नज़र आए। मचाडो ने कहा कि, “मैं हैरान हूं कि इतने बड़े सम्मान के लिए मुझे चुना गया।”
इसके बाद वेनेजुएला के विपक्षी नेता एडमंडो गोंजालेज उरुटिया, जिन्होंने पिछले साल मचाडो पर चुनाव लड़ने से रोक लगने के बाद उनकी जगह ली थी, ने उन्हें फोन कर बधाई दी। दोनों ने इस ऐतिहासिक क्षण को ‘हैरान कर देने वाला लेकिन प्रेरणादायक’ बताया।
नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने मचाडो को विपक्ष को एकजुट करने वाली एक प्रभावशाली नेता करार दिया, जिन्होंने स्वतंत्र चुनावों और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया।
“I am just part of a huge movement. I’m humbled, I’m grateful and I’m honoured.” This morning Maria Corina Machado was announced as this year’s Nobel Peace Prize laureate. Directly after the news was broken, she describes how honoured she felt to be awarded the peace prize, and… pic.twitter.com/IaY51ATZQA — The Nobel Prize (@NobelPrize) October 10, 2025
नोबेल शांति पुरस्कार एकमात्र ऐसा पुरस्कार है जो ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य पुरस्कार चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान और साहित्य की घोषणाएँ स्टॉकहोम, स्वीडन में की जाती हैं। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा आगामी सोमवार को होगी।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने से अमेरिकी जनता नाराज़ है। पुरस्कार के ऐलान के बाद व्हाइट हाउस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चुइंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि नोबेल समिति ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उनके लिए शांति से अधिक राजनीति मायने रखती है।
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वहीं, ट्रंप के समर्थकों ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति ने इजराइल, रूस, अज़रबैजान, पाकिस्तान, थाईलैंड, आर्मेनिया और कंबोडिया जैसे देशों के बीच तनाव कम करने और युद्ध रोकने में मदद की है। उन्होंने दावा किया है कि ट्रंप ने इतिहास में केवल नौ महीनों में आठ युद्धों को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई। वे नोबेल शांति पुरस्कार पाने के असली हकदार थे।