अड्डू पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना का उद्घाटन
माले: विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों मालदीव दौरे पर है। मालदीव के साथ हुए साझेदारी में रविवार को विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख साझेदार है। दोनों देश अपने सहयोग को आधुनिक साझेदारी में बदलने की आकांक्षा रखते हैं। उन्होंने कहा कि ड़ोसी प्रथम की हमारी नीति के केंद्र में है। जयशंकर ने अड्डू पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना का हस्तांतरण समारोह के दौरान ये बातें कही।
एक्जिम बैंक की ऋण सहायता के तहत भारत सरकार की मदद से बनाई गई 4-लेन डेटोर लिंक सड़क परियोजना के उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भी मौजूद थे।
ये भी पढ़ें:-बांग्लादेश में अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद युनुस भ्रष्टाचार के मामले में बरी, मुखिया बनते ही दिखी पॉवर
विदेश मंत्री ने कहा यह बहुत ही स्वाभाविक है कि हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़ गया है। साथ ही आज वास्तव में एक आधुनिक साझेदारी बनने की आकांक्षा है। उन्होंने कहा कि विकास के क्षेत्र में हमारे सहयोग का उद्देश्य लोगों के जीवन के सभी पहलुओं को छूना और उनके जीवन में इसके ठोस लाभ लाने के तरीके खोजना है।
दोनों देशों के बीच रिश्ते में सुधार
जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अड्डू में लगभग 22 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत मालदीव में क्षेत्रीय विकास को कितना महत्व देता है। विदेश मंत्री ने कहा आज हम अन्य देशों के अलावा सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक हैं। हम भारत से मालदीव में अधिक निवेश प्रवाह भी देख रहे हैं, खासकर पर्यटन क्षेत्र में।
अड्डू पुनर्ग्रहण परियोजना में साझेदारी क्यों
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने मालदीव सरकार के साथ अड्डू पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना में साझेदारी की है, ताकि इसे एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित करने का एक स्थाई तरीका ढूंढ़ा जा सके। इस साल की शुरुआत में 184 हेक्टेयर भूमि का पुनर्ग्रहण पूरा हो गया।
करीब आठ करोड़ अमेरिकी डॉलर की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में पर्यटन विकास के उद्देश्य से पुनर्ग्रहण के साथ-साथ अड्डू के समग्र आर्थिक विकास को भी शामिल किया गया है।यह परियोजना क्षेत्र के समग्र विकास में मदद करेगी। साथ ही रोजगार, उद्यमिता और व्यापार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।
जयशंकर ने कहा कि भारतीय सहायता से क्रियान्वित की जा रही एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना सात करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत वाली है, जिसका उद्देश्य अड्डू की सड़कों और जल निकासी प्रणाली का पुनर्विकास है। यह परियोजना अंतिम चरण में है और इसके पूरा होने पर अड्डू में सड़कों पर जलभराव की समस्या का समाधान हो जाएगा।
Joined Foreign Minister @MoosaZameer, Construction and Infrastructure Minister @muththo, Climate Change, Environment & Energy Minister @Thoriqibrahim and Mayor of Addu city @DhekunuNizar to inaugurate the Addu Reclamation & Shore Protection and Addu Detour Link Bridge.
These 🇮🇳… pic.twitter.com/IuQbm70aOh
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 11, 2024
जयशंकर ने कहा, अड्डू डेटोर लिंक सड़क जिसका आज उद्घाटन किया गया है, जिसके कारण हम यहां एकत्रित हुए हैं, इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है तथा इससे एटोल के भीतर संपर्क में काफी आसानी होगी।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम पहले से ही 65 परियोजनाओं में भागीदारी कर रहे हैं, जिनमें से 12 अड्डू में हैं। इन परियोजनाओं में से पांच पहले ही पूरी हो चुकी हैं। हम इस उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास परियोजना मॉडल की सफलता, इसके विस्तार और इसकी उपस्थिति को तेजी से बढ़ते हुए देखकर खुश हैं।
जयशंकर ने मालदीव में भारत की सहायता से चलाई जा रही अन्य परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अपने मालदीव के मित्रों की उभरती जरूरतों और प्राथमिकताओं के प्रति जागरूक है तथा दोनों सरकारें उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान प्रदान करने का प्रयास करती हैं।
28 द्वीपों में पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं का उद्घाटन
विदेश मंत्री इन दोनों परियोजनाओं के लिए मालदीव की सरकार और वहां के लोगों, विशेषकर दक्षिणी मालदीव के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे कल विदेश मंत्री जमीर के साथ संयुक्त रूप से 28 द्वीपों में पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं का उद्घाटन करने और उन्हें मालदीव सरकार को सौंपने का अवसर भी मिला।
विदेश मंत्री ने यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो मालदीव के हजारों लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि कहा कि उन्होंने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना के स्थल का दौरा किया, जो इस देश में भारत की प्रमुख परियोजना है और अच्छी प्रगति कर रही है।
विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि महत्वाकांक्षी हनीमाधू हवाई अड्डा पुनर्विकास परियोजना पर भी काम चल रहा है, और यह परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। हुलहुमाल में 4,000 आवासीय इकाइयों पर निर्माण गतिविधि भी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।
जयशंकर ने कहा कि भौतिक अवसंरचना में निवेश पहला कदम है जो तभी फलदायी होगा जब इसे मानव संसाधन विकास में निवेश के साथ बराबरी से जोड़ा जाएगा। भारत ने अपने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहयोग को काफी हद तक बढ़ाया है।
जयशंकर ने मालदीव में भारत द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत मालदीव मैत्री जन-केंद्रित है। भारत अपने विकास संबंधी अनुभव अपने पड़ोसियों के साथ साझा करता है। (एजेंसी)
ये भी पढ़ें:-बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना ने पहली बार दिया बयान, बोलीं- अमेरिका के इशारे पर तख्तापलट