कनाडा में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा (फोटो- सोशल मीडिया)
Lord Ram Statue in Canada: कनाडा के मिसीसॉगा में भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊँची मुर्ति स्थापित की गई। भगवान राम की प्रतिमा ऐसे में समय में स्थापित की गई है जब पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। भगवान राम की यह 51 फीट ऊँची प्रतिमा उत्तरी अमेरिका में सबसे ऊंची है।
भगवान राम की 51 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित होने से हिंदू श्रद्धालुओं काफी खुश हैं। रविवार को हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में इस भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। जानकारी के अनुसार, इस मुर्ति की ऊँचाई आधार से 51 फीट से ज्यादा है। प्रतिमा की स्थापना के साथ ही पूरे कनाडा में “जय श्रीराम” के जयकारों की गूँज गूंज उठी।
इस प्रतिमा ओंटारियो स्थित हिंदू हेरिटेज सेंटर में स्थापित की गई है और यह उत्तरी अमेरिका में हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का नया प्रतीक बन गई है। इसके अलावा से उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची प्रतिमा है। कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए यह मूर्ति एक ऐतिहासिक पल के रूप में याद की जाएगी। फाइबरग्लास से बनी यह प्रतिमा अब ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में खड़ी है।
Il Canada ha appena inaugurato a Mississauga, in Ontario, un’imponente statua alta 15 metri raffigurante il dio indù Lord Ram: ora è la più alta del suo genere in tutto il Nord America. La magia e l’uso di ritu*li sono ben lontanti da essere fantasia e sono una parte importante… pic.twitter.com/wyF3tRsw0p — Bianconiglio (@bianconiglio_x) August 6, 2025
कनाडा के मिसिसॉगा में भगवान श्रीराम की सबसे ऊँची मूर्ति स्थापित की गई, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस उद्घाटन समारोह में कनाडा की मंत्री रेची वल्डेज़, ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष शफकत अली, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धू और हाउस ऑफ कॉमन्स में विपक्ष के नेता भी मौजूद थे। महिलाओं और विभिन्न समुदायों के लोग भी बड़ी संख्या में आए। मूर्ति स्थापना के दौरान लोग “मेक कनाडा ग्रेट अगेन” का नारा लगा रहे थे।
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सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि, अयोध्या से ओंटारियो तक, श्रीराम का नाम सीमाओं से परे गूंज रहा है। यह केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि आस्था, पहचान और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है। एक अन्य यूजर ने कहा कि इस मूर्ति ने विश्व में हिंदू समुदाय के लिए धैर्य, शांति और अस्तित्व का संदेश भी दिया है। यह मूर्ति सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि धैर्य, शांति और अस्तित्व का भी प्रतीक है।