इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, प्रबोवो सुबियांतो, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
जकार्ताः 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया में जो इस्लाम की शिक्षा दी जाती है, वह आतंकवादी गतिविधियों को नहीं बढ़ावा देती। राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवादी हमले से निपटने में इंडोनेशिया का समर्थन भारत के साथ है। उनका कहना था कि आतंकवाद से कभी भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता, इसलिए बातचीत के जरिए ही समस्याओं का समाधान होना चाहिए।
यह बातें राष्ट्रपति ने अपने देश में तैनात भारतीय राजदूत संदीप चक्रवर्ती से एक बैठक में कही, जिसे विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था।
इंडोनेशिया की ये बातें इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि वहां दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान रहते हैं। इंडोनेशियाई लोग आज भी अपनी संस्कृति को भारत से जुड़ा हुआ मानते हैं। चक्रवर्ती ने बताया कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने उन्हें आमंत्रित किया और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और इस संकट की घड़ी में भारत के साथ खड़ा रहने का वादा किया। इस बीच, इस्लामिक सहयोग संगठन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, जिससे इंडोनेशिया की प्रतिक्रिया और भी महत्वपूर्ण बन जाती है।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को कायराना आतंकी हमला हुआ था। इस आतंकी हमले में आतंकियों ने वहां घूम रहे पर्यटकों का धर्म पूछकर उन्हें गोलियों से भून डाला था। इस हमले में 26 लोग निर्दोष लोग मारे गए थे। उसके बाद से ही भारत-पाकिस्तान में तनाव का माहौल बन गया है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के कई राजनयिकों को बाहर कर दिया है। इसके अलावा सिंधु जल समझौता भी रोक दिया गया है। वहीं वाघा और अटारी बॉर्डर बंद किए गए हैं। इस तनाव की स्थिति में दुनिया के कई देश आतंक के विरूद्ध भारत के साथ खड़े दिख रहे हैं। जिससे पाकिस्तान की हालत और भी खराब हो गई है।