कमला हैरिस
न्यूयॉर्क: कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप पर भारी पड़ती नजर आ रही है। उनका कुनबा मजबूत हाेता जा रहा है। साथ ही उनकी उम्मीदवारी को दमदार स्थिति में है। अब दक्षिण एशियाई अमेरिकी राज्यों के निर्वाचित नेताओं और स्थानीय नेताओं ने अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए हैरिस के नाम का समर्थन करते हुए कहा कि एक प्रवासी भारतीय महिला की बेटी होने के नाते वह निष्पक्ष और अधिक समावेशी आव्रजन प्रणाली तैयार करेंगी।
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कमला हैरिस को गर्व से समर्थन
नेताओं ने कहा कि अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उपराष्ट्रपति हैरिस की जीत सभी एशियाई अमेरिकियों अश्वेत समुदायों और महिलाओं को एक शक्तिशाली संदेश देगी। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड द्वारा जारी एक बयान में कहा गया दक्षिण एशियाई निर्वाचित नेताओं के तौर पर हम अमेरिका की पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला राष्ट्रपति बनने की ऐतिहासिक कोशिश में कमला हैरिस का गर्व से समर्थन करते हैं।
हैरिस से बहुत उम्मीदें
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड अमेरिका में राजनीत के क्षेत्र में भारतीय और दक्षिण एशियाई अमेरिकियों की आवाज को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है। बयान में कहा गया कि एक प्रवासी भारतीय महिला की बेटी होने के नाते हैरिस एक अधिक निष्पक्ष और समावेशी आव्रजन प्रणाली तैयार करेंगी।
बाइडन के पीछे हटने के बाद हैरिस का नाग आया आगे
बता दें कि कमला हैरिस से पहले आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रेस में जो बाइडन थे। इसके बाद उन्होंने बीते रविवार यानी 21 जुलाई को इस दौड़ से पीछे हटने का फैसला लिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में कमला हैरिस का नाम आगे किया। कमला हैरिस को एक सर्वे में डेलीगेट्स का भारी समर्थन मिला है, जिसकी औपचािरिकता 19 अगस्त को होगी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का खुले तौर पर समर्थन नहीं आया था। हालांकि अब उन्होंने भी हैरिस का समर्थन किया है।
राष्ट्रपति बाइडन क्यों हटे रेस से
आगामी प्रेसिडेंशियल चुनाव के पहली डिबेट में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन आमने सामने थे। इस डिबेट में बाइडन कमजोर साबित हुए। उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इसके बाद से ही डेमोक्रेटिक की तरफ से उनकी उम्मीदवारी को लेकर सवाल खड़े होने लगे। फिर वो अपनी ज़िद पर अड़े रहे। उनपर पार्टी का काफी दबाव डाले जाने लगा। काफी मान मनौव्वल और दबाव के बाइडन ने अपना नाम वापस लिया और अपनी जगह कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया।
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