
जापान पर बड़ा खतरा, फोटो (सो. एआई)
Japan Earthquake Latest News: जापान की मौसम एजेंसी (JMA) ने इस सप्ताह देश में संभावित मेगाक्वेक को लेकर अब तक का सबसे सख्त अलर्ट जारी किया है। ‘मेगाक्वेक’ 8.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप को कहा जाता है, जो भारी तबाही मचाने में सक्षम होता है।
यह चेतावनी सोमवार को ओमोरी तट पर आए 7.5 तीव्रता के भूकंप के बाद जारी की गई, जिसने देशभर में चिंता बढ़ा दी है। 2022 में लागू की गई इस चेतावनी प्रणाली के तहत यह पहली बार है जब शीर्ष स्तर का अलर्ट जापान में जारी किया गया है।
एजेंसी के अनुसार, यदि मेगाक्वेक आता है तो होक्काइडो से लेकर चिबा तक जापान के पूरे प्रशांत तट पर विनाशकारी सुनामी लहरों का खतरा है। ऐसी सुनामी कई मीटर ऊंची हो सकती है और तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है। अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को पूरे सप्ताह सतर्क रहने और किसी भी हालात के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
नागरिकों से कहा गया है कि वे अपने निकासी मार्गों की जांच करें, आपातकालीन किट तैयार रखें, भारी सामान को घरों के अंदर सुरक्षित बांधें और कई दिनों के लिए भोजन, पानी व पोर्टेबल सैनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। विशेषज्ञों का कहना है कि आफ्टरशॉक्स का सिलसिला पूरे सप्ताह जारी रह सकता है, जिससे किसी भी समय बड़ा झटका महसूस हो सकता है।
इस स्थिति पर जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सोमवार के भूकंप के बाद होक्काइडो से सानरिकु अपतटीय क्षेत्र में बड़े भूकंप की संभावना सामान्य समय की तुलना में कई गुना अधिक है। ताकाइची ने जनता से उचित आपदा रोकथाम उपाय अपनाने और तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की अपील की।
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उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों के जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और हर संभव कदम उठा रही है। सोमवार को आए 7.5 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 33 लोग घायल हुए। भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और कई स्थानों पर 7 से 27 इंच तक की लहरें दर्ज की गईं। विशेषज्ञों ने शुरुआत में 10 फीट तक की लहरें उठने की आशंका जताई थी।
भूकंप के तुरंत बाद करीब 90,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सरकार ने पूरे सप्ताह आफ्टरशॉक्स के प्रति सतर्क रहने और झटका महसूस होते ही तुरंत बाहर निकलने की सलाह दी है। जापान इस समय उस प्राकृतिक स्थिति से गुजर रहा है जिसका प्रभाव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।






