बेरूत पर इजरायल हमले की एक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: इजरायल ने ईद के मौके पर हिजबुल्लाह के खिलाफ एक बड़ा हवाई हमला किया है। इजरायली सेना ने मंगलवार को सुबह बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 3 लोग मारे गए हैं। यह हमला 4 महीने पहले हुए युद्धविराम के बाद बेरूत में हुआ दूसरा बड़ा हवाई हमला है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हमले में मारे गए लोगों की पुष्टि की है और साथ ही कम से कम 7 लोग घायल हुए हैं।
इजरायली सेना (IDF) ने बेरूत में किए गए हवाई हमले के बाद कहा कि उनका निशाना हिजबुल्लाह के एक सदस्य पर था, जो इजरायल के खिलाफ हमलों की योजना बनाने में आतंकी संगठन हमास की मदद कर रहा था। IDF ने बताया कि यह ऑपरेशन इजरायल की घरेलू खुफिया एजेंसी शिन बेट के दिशा-निर्देशन में किया गया था, जो शुक्रवार को लेबनान से किए गए रॉकेट हमले के समान था। हालांकि, हिजबुल्लाह ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इंकार किया था।
इजरायली सेना के बेरूत में हमले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई फोटो और वीडियो शेयर किए गए हैं. जिसमें एक बड़ी बिल्डिंग नजर आ रही है. जिसका ऊपरे के कई मंजिलें इजरायली सेना के हवाई हमले से क्षतिग्रस्त हो गए और उसका पूरा मलबा बिल्डिंग के नीचे खड़ी कारों और अन्य गाड़ियों पर आ गिरा।
JUST IN: Israeli Strike In Beirut
The IDF and ISA eliminated a Hezbollah terrorist in Dahieh who was helping Hamas plan an imminent attack on Israeli civilians. Acting on ISA intel, the IAF carried out the strike to neutralize the immediate threat.
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— Open Source Intel (@Osint613) April 1, 2025
यह ध्यान देने योग्य है कि इजरायल ने बेरूत में ईद के दौरान बिना किसी चेतावनी के हवाई हमला किया। आमतौर पर इजरायली सेना अपने हमलों से पहले अलर्ट जारी करती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। इस हमले से पहले बेरूत के हे माडी इलाके में जेट्स की आवाजें सुनाई दी थीं, जिसके बाद हिजबुल्लाह का मुख्यालय माने जाने वाले दहिएह क्षेत्र में एक इमारत पर हमला हुआ।
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लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन के प्रमुख शेख नईम कासेम ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर इजरायल के हमले लेबनान पर जारी रहे और लेबनान की सरकार उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाती, तो हिजबुल्लाह अन्य विकल्पों का सहारा ले सकता है। 14 महीने तक चले इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध को अमेरिका की मध्यस्थता के बाद समाप्त किया गया था और युद्धविराम के अनुसार इजरायली सेना को जनवरी के अंत तक सभी लेबनानी क्षेत्रों से वापस हट जाना था, जबकि हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के दक्षिण में अपनी सशस्त्र उपस्थिति को समाप्त करना था।
अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के बाद युद्धविराम प्रभावी होने के बावजूद इजरायल ने दक्षिणी और पूर्वी लेबनान में लगातार हमले शुरू कर दिए हैं। उनका दावा है कि वे हिजबुल्लाह के अधिकारियों और उनके बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं। इस बीच, लेबनानी सेना धीरे-धीरे दक्षिणी क्षेत्र में तैनात हो रही है, और बेरूत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजरायल पर दबाव डाले ताकि वह हमले रोक सके और लेबनान के क्षेत्र में तैनात अपनी सेना को वापस बुला सके।