अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (सोर्स- सोशल मीडिया)
Israel Parliament Vote West Bank Annexation: इजरायल की संसद (नेसेट) ने हाल ही में वेस्ट बैंक को अपने क्षेत्र में शामिल करने से जुड़े एक विधेयक को प्रारंभिक मंजूरी दी है। इस विधेयक के मुताबिक , इजरायल को वेस्ट बैंक को अपने हिस्से में विलय करने का अधिकार मिलेगा। 1967 से इजरायल का कब्जा इस क्षेत्र पर है, लेकिन अंतराष्ट्री स्तर पर इसे अवैध कब्जा माना जाता है। यही वजह है कि अमेरिका ने भी इसे लेकर आपत्ति जताई है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इसे “अपमानजनक” बताते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने इसे राजनीतिक रूप से बेहद मूर्खतापूर्ण फैसला करार दिया और कहा कि यह शांति प्रक्रिया के लिए खतरनाक हो सकता है। वेंस ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी कहा कि वेस्ट बैंक को इजरायल में विलय करने का कदम व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत आहत करता है।
संसद में यह विधेयक बेहद करीबी अंतर से (25-24) पारित हुआ है, और अब यह कानून बनने की दिशा में पहला कदम है। इसके बाद इसे तीन और चरणों से गुजरना होगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का मतलब ये है कि इजरायल जब चाहे वेस्ट बैंक पर कब्जा कर सकता है, फिर चाहे इसके लिए सैन्य कार्रवाई ही क्यों न करनी पड़े।
सऊदी अरब, कतर और यूएई जैसे प्रमुख मुस्लिम देशों ने इजरायल के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। इन देशों ने इसे एक रेड लाइन करार दिया है और चेतावनी दी है कि इससे मध्य-पूर्व में तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है। इन देशों का मानना है कि इस कदम से अब्राहम समझौते पर भी संकट आ सकता है, जो इजरायल और कुछ अरब देशों के बीच शांति और सहयोग का एक महत्वपूर्ण कदम था।
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चेतावनी दी है कि इस विधेयक के पारित होने से गाजा में शांति प्रक्रिया को गंभीर खतरा हो सकता है। उनका कहना है कि इजरायल के इस कदम से न केवल क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा, बल्कि इससे इजरायल और अरब देशों के बीच चल रहे शांति प्रयासों को भी बड़ा झटका लगेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस विधेयक को लेकर गहरी चिंता जताई है और इसे शांति की दिशा में एक प्रतिकूल कदम माना है।