लेबनान में इजरायली ड्रोन हमला, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Iran Israel Tension News In Hindi: इजरायली सेना ने दावा किया है कि लेबनान में किए गए एक सटीक ड्रोन हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के एक शीर्ष कमांडर को मार गिराया गया है। यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है और दोनों देशों के बीच छद्म युद्ध लगातार तेज होता जा रहा है।
इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) और घरेलू खुफिया एजेंसी शिन बेट ने संयुक्त बयान में बताया कि गुरुवार सुबह उत्तर-पूर्वी लेबनान में कुद्स फोर्स की ऑपरेशंस यूनिट के एक वरिष्ठ कमांडर को ड्रोन स्ट्राइक के जरिए निशाना बनाया गया। सेना का दावा है कि यह हमला पूरी तरह से खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था।
लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी ने भी इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि सीरियाई सीमा की ओर जाने वाली एक सड़क पर एक वाहन को निशाना बनाया गया। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, लेबनानी अधिकारियों ने अभी तक मारे गए लोगों की आधिकारिक पहचान सार्वजनिक नहीं की है।
इजरायली सेना के बयान के अनुसार, हमले का मुख्य लक्ष्य हुसैन महमूद मर्शाद अल-जौहरी थे। इजरायल का आरोप है कि अल-जौहरी हाल के वर्षों में सीरिया और लेबनान क्षेत्र में इजरायल के खिलाफ कई आतंकवादी साजिशों को अंजाम देने और उन्हें निर्देशित करने में शामिल थे। वह कुद्स फोर्स की कुख्यात ऑपरेशंस यूनिट 840 से जुड़े थे जिसे इजरायल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
आईडीएफ ने इस ऑपरेशन का ड्रोन फुटेज भी जारी किया है, जिसे उसकी ‘ऑपरेशनल सफलता’ के रूप में पेश किया जा रहा है। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मारे गए कमांडर को एक बेहद पेशेवर और अनुभवी इंटेलिजेंस एजेंट माना जाता था जिनके पास सामान्य कुद्स फोर्स एजेंटों से कहीं अधिक विशेष क्षमताएं थीं।
गौरतलब है कि यह हमला ईरान के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले जून में हुए इजरायली हवाई हमलों में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी समेत ईरान के तीन शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए थे। 13 से 23 जून के बीच चले उस संघर्ष में इजरायल और अमेरिका ने मिलकर ईरान पर हमले किए थे।
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विश्लेषकों का मानना है कि लेबनान में यह ताजा ड्रोन हमला मध्य पूर्व में अस्थिरता को और बढ़ा सकता है। इजरायल जहां अपने सुरक्षा हितों का हवाला देकर इन कार्रवाइयों को सही ठहरा रहा है वहीं ईरान इसे क्षेत्रीय संप्रभुता पर सीधा हमला बता सकता है। आने वाले दिनों में इस घटना के कूटनीतिक और सैन्य प्रभाव और गहराने की आशंका जताई जा रही है।