गाजा में चर्च पर इजरायली बमबारी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
गाजा: गाजा पट्टी में स्थित एकमात्र कैथोलिक चर्च ‘होली फैमिली’ पर इजरायली सेना द्वारा किए गए हमले में भारी नुकसान हुआ है। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए, जिनमें चर्च के पादरी गैब्रिएल रोमनल्ली भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, चर्च परिसर में सैकड़ों फिलिस्तीनी शरणार्थी रह रहे थे, जिनमें अनेक बच्चे और दिव्यांग व्यक्ति भी थे। इजरायल ने इस हमले को एक ‘दुर्घटना’ बताया है और खेद जताते हुए जांच का भरोसा दिया है। हमले में चर्च की इमारत को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस घटना को लेकर दुख जताया है। नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा, “इज़रायल को इस बात पर गहरा अफसोस है कि एक भटका हुआ गोला गाज़ा के होली फैमिली चर्च से जा टकराया। हर निर्दोष की मौत हमारे लिए एक दुखद घटना है।”
पोप लियो XIV ने इस हमले की तीव्र आलोचना करते हुए तुरंत युद्धविराम की मांग की है। उन्होंने शोक संदेश में पीड़ितों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि उन्हें शांति और मेल-मिलाप की उम्मीद है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से असहमति जताई है। इजरायली सरकार का कहना है कि यह हमला गलती से हुआ और उनका इरादा नागरिकों या धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने का नहीं था। हालांकि, गाजा में बार-बार स्कूलों, अस्पतालों और शरणस्थलों पर हो रहे हमलों के चलते फिलिस्तीनी नागरिकों का कहना है कि अब वहां कोई भी जगह सुरक्षित नहीं बची है।
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यह हमला गाजा में पिछले 21 महीनों से जारी इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान हुआ, जिसमें अब तक 58,600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मृतकों में से आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। चर्च परिसर में शरण लिए हुए लोगों में ईसाई और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग शामिल थे।
ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पैट्रिआर्केट ऑफ यरुशलम ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है और इसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता और मानवता के मूल्यों का गंभीर अपमान बताया है। इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम तथा बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन अब तक किसी ठोस समझौते पर सहमति नहीं बन पाई है।