तस्वीर में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
तेहरान: इजराल इस समय युद्ध के बीच घिरा हुआ है। एक साथ कई मोर्चे को संभाल रहा है। ईरान के भी साथ तनाव जारी है। बशर्ते इजराइल, ईरान पर अभी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जबिक ईरान दो बड़े हमले इजराइल पर कर चुका है। वहीं अब इन दोनों देशों के तनाव के बीच में रूस की भी एंट्री हो गई है।
इजराइल के खिलाफ और ईरान के साथ खुलकर रूस आया है। उधर रूस ने पश्चिम देशों की आलोचना की। माना जा रहा है कि रूस ने ऐसा इजराइल को उकसाने के लिए किया है।माना ये भी जा रहा है कि इजराइल कभी भी ईरान पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इजराइल ऐसा कदम उठाए उससे पहले रूस ने कड़ी चेतावनी दे दी है।
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लाओस के विएंतियाने में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि इजराइली हमले से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकत हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान के असैन्य परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोई धमकी दी गई तो इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय गंभीर उकसावे के तौर पर देखेगा। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मौजूदा तनाव के बावजूद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सैन्यीकरण किया जा रहा है। सर्गेई लावरो ने आगे कहा रूस अपना रुख तथ्यों पर आधारित करते हैं।
पुतिन और मसूद पेजेशकियन की मुलाकात
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन दोनों नेता एक दूसरे के साथ मुलाकात करेंगे तभी सुगबुगाहट तेज हो गई थी कि ईरान को रूस का साथ मिलेगा। फिलहाल पुतिन और मसूद पेजेशिकयन पहली बार तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात में शुक्रवार को मिले। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के मध्य ड्रोन और अन्य रक्षा उत्पाद को लेकर 1.7 बिलियन डॉलर का निर्यात समझौता भी हुआ है। वहीं पुतिन ने खुलकर ईरान का समर्थन किया। साथ ही इजराइल को खुली चेतावनी देते हुए पुतिन ने कहा कि ईरान पर हमला करने की हिम्मत मत करना।
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बता दें कि एक अक्तूबर को ईरान ने इजराइल पर एक साथ करीब 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। हमले के बाद ईरान ने कहा था कि ये हमला हमास नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के जनरल अब्बास निलफोरूशान की हत्या का बदला है। इन सभी की जान इजराइली हमलों में गई। हिज्बुल्ला, ईरान समर्थित संगठन है और हमास, हिज्बुल्ला समर्थित संगठन है।