जयशंकर से मुलाकात के बाद रुबियो का बड़ा बयान, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Marco Rubio S Jaishankar Meeting: भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। यह वार्ता ऐसे समय हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसने भारत के आईटी उद्योग में हलचल मचा दी है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान हुई इस बैठक में, दोनों नेताओं ने आपसी स्नेह और सम्मान के साथ एक-दूसरे का स्वागत किया। इसका उद्देश्य यह दिखाना था कि आर्थिक मतभेदों के बावजूद दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर और लगातार बने हुए हैं।
रूबियो ने भारत-अमेरिका सहयोग को “अत्यंत महत्वपूर्ण” बताते हुए रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, दवाइयां और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र तथा क्वाड गठबंधन में मिलकर काम करना आवश्यक है
Met with Indian External Affairs Minister @DrSJaishankar at UNGA. We discussed key areas of our bilateral relationship, including trade, energy, pharmaceuticals, and critical minerals and more to generate prosperity for India and the United States. pic.twitter.com/5dZJAd85Za — Secretary Marco Rubio (@SecRubio) September 22, 2025
जयशंकर ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए एक्स पर लिखा कि हमारी चर्चा में कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों को उठाया गया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए लगातार संपर्क बनाए रखना जरूरी है और हम जुड़े रहेंगे।”
Good to meet @SecRubio this morning in New York. Our conversation covered a range of bilateral and international issues of current concern. Agreed on the importance of sustained engagement to progress on priority areas. We will remain in touch. 🇮🇳 🇺🇸 pic.twitter.com/q31vCxaWel — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 22, 2025
ट्रंप द्वारा वीजा शुल्क में अचानक बदलाव की घोषणा ने इस बैठक पर गहरा प्रभाव डाला है। भारत H-1B वीजा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता देश है। पिछले वर्ष भारत ने कुल वीजा का 71 प्रतिशत प्राप्त किया, जबकि चीन की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से भी कम रही। विश्लेषकों का कहना है कि वीजा शुल्क में अचानक वृद्धि भारतीय आईटी कंपनियों की लागत में तेजी से इजाफा कर सकती है। यह झटका उस समय आया है जब दोनों देशों के बीच पहले से ही व्यापारिक मतभेद चल रहे हैं।
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जुलाई में ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, हालांकि सितंबर में दोनों देशों ने व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत शुरू की। इन चुनौतियों के बावजूद, वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच राजनयिक संपर्क जारी हैं। रुबियो और जयशंकर आखिरी बार जुलाई में क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में मिले थे।