भारत और संयुक्त अरब अमीरात का सैन्य अभ्यास, फोटो (सो.आईएएनएस)
India-UAE Defence Cooperation: भारतीय सेना का एक दल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए रवाना हो चुका है, जहां वह दोनों देशों के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन-2’ में भाग लेगा। यह महत्वपूर्ण अभ्यास 18 दिसंबर से 30 दिसंबर तक यूएई की राजधानी अबू धाबी में आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास भारत और यूएई के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
करीब दो सप्ताह तक चलने वाले इस संयुक्त अभ्यास के दौरान भारतीय सेना और यूएई लैंड फोर्सेज के सैनिक शहरी युद्ध परिवेश में संयुक्त प्रशिक्षण करेंगे। अभ्यास में निर्मित (बिल्ट-अप) क्षेत्रों में सैन्य अभियानों, आतंकवाद-रोधी कार्रवाइयों और स्थिरता अभियानों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही हेलिबोर्न ऑपरेशंस का अभ्यास भी किया जाएगा जिसमें हेलिकॉप्टरों के माध्यम से आतंक प्रभावित क्षेत्रों में प्रवेश, राहत एवं बचाव अभियानों का प्रशिक्षण शामिल है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास में विस्तृत मिशन योजना निर्माण, सामरिक समन्वय और संयुक्त कमांड संरचना जैसे पहलुओं पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। आधुनिक युद्ध की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मानवरहित हवाई प्रणालियों (ड्रोन) और काउंटर-यूएएस तकनीकों के उपयोग पर भी अभ्यास किया जाएगा ताकि शहरी अभियानों में तकनीकी दक्षता को बढ़ाया जा सके।
भारतीय सेना की ओर से 45 सदस्यीय दल इस अभ्यास में हिस्सा ले रहा है जिसमें मुख्य रूप से मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक शामिल हैं। वहीं, यूएई की ओर से भी समान संख्या में 53 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन (यूएई लैंड फोर्सेज) के जवान इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी यानी आपसी तालमेल और संयुक्त अभियानों की क्षमता को मजबूत करना है। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के अंतर्गत उप-पारंपरिक अभियानों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे दोनों सेनाएं भविष्य में शांति स्थापना, आतंकवाद-रोधी और स्थिरता अभियानों में मिलकर प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
यह अभ्यास हाल ही में यूएई लैंड फोर्सेज के कमांडर की अक्टूबर 2025 में भारत यात्रा और यूएई प्रेसीडेंशियल गार्ड के कमांडर की दिसंबर 2025 में हुई यात्रा के बाद रक्षा सहयोग में आई सकारात्मक गति को और आगे बढ़ाता है।
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रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘डेजर्ट साइक्लोन-2’ अभ्यास भारत और यूएई के बीच सैन्य कूटनीति, पेशेवर संबंधों और सामरिक समझ को नई ऊंचाई देगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दोहराता है और भविष्य में संयुक्त अभियानों की क्षमता को और सुदृढ़ करेगा।