पीटर नवारो को भारत का जवाब (फोटो- सोशल मीडिया)
India Reply to Peter Navarro: भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की बातों को सख्ती से खारिज किया है। नवारो ने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर फायदा उठा रहा है, और इस मुनाफे का फायदा भारत के ब्राह्मण समुदाय को मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत इस तरह से रूस की मदद कर रहा है, जो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में शामिल है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने नवारो के आरोपों को “भ्रामक और तथ्यहीन” करार दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के आपसी रिश्तों पर आधारित है।
जायसवाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में अलास्का में भारत और अमेरिका के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था। इसके अलावा, कुछ दिन पहले 2+2 अंतर-सत्रीय वार्ता भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद निरंतर बना हुआ है, और भारत अपनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह साझेदारी समय-समय पर चुनौतियों और उतार-चढ़ाव से जरूर गुजरी है, लेकिन इसकी मजबूती हमेशा कायम रही है।
#WATCH | Delhi: On the statement made by Peter Navarro (Senior Counsellor for Trade and Manufacturing to the US President), MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “We have seen the inaccurate and misleading statements made by Mr. Navarro and obviously we reject them. We have also… pic.twitter.com/jadH6LjC5G
— ANI (@ANI) September 5, 2025
नवारो ने आरोप लगाया था कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और फिर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशिया जैसे क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर बेचता है। उनके अनुसार, यह लाभ अनुचित तरीके से कमाया जा रहा है और भारत इस प्रक्रिया के जरिए रूस-यूक्रेन युद्ध में परोक्ष रूप से सहायता कर रहा है।
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भारत ने इस तरह के आरोपों को पहले भी खारिज किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा था कि भारत किसी दबाव में आकर तेल नहीं खरीदेगा या बेचेगा। उन्होंने कहा, “अगर आपको भारत से तेल खरीदने में दिक्कत है, तो मत खरीदिए। कोई मजबूरी नहीं है। लेकिन यूरोप और अमेरिका भी तो खरीद रहे हैं। अगर आपको पसंद नहीं, तो ना खरीदें।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)