
अंतरराष्ट्रीय संगठन की बैठक में मौजूद भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश।
India in UNSC Meeting: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में साफ कहा कि वह आतंकवाद और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश ने सोमवार को पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यूएनएससी को ऐसे लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। जो लोग इन हथियारों की सप्लाई और इस्तेमाल में मदद या स्पॉन्सर करते हैं। हरीश ने यूएनएससी की स्मॉल आर्म्स पर ओपन डिबेट में कहा, भारत कई दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा, इसलिए हमें छोटे हथियारों और गोला-बारूद के राज्य-विरोधी तत्वों और आतंकी गुटों तक पहुंचने के खतरे अच्छी तरह पता हैं।
बता दें, परवथनेनी हरीश की यह टिप्पणी दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके के कुछ घंटे बाद आई। धमाके में धीमी गति से चल रही कार ट्रैफिक सिग्नल पर ब्लास्ट कर गई। धमाका लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। हरीश ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है। इसमें हमारे बॉर्डर पर तस्करी हुए गैरकानूनी हथियारों का इस्तेमाल होता है। अब ड्रोन का सहारा लिया जा रहा। ऐसे हथियारों की मात्रा और तकनीक में इजाफा बता रहा कि ये ग्रुप बिना किसी की मदद, फंडिंग या सपोर्ट के नहीं चल सकते हैं।
भारत ने यूएनएससी से कहा, छोटे हथियारों और गोला-बारूद की गैरकानूनी तस्करी आतंकी संगठनों और सशस्त्र ग्रुप को जिंदा रखने का बड़ा कारण है। इन तक लगातार हथियार पहुंचना साबित करता है कि इनकी खरीद को रोकने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है। परिषद को आतंकवाद और उसके मददगारों, स्पॉन्सरों या हथियारों की सप्लाई करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखानी होगी। भारत ने जोर दिया कि परिषद के लगाए गए हथियार प्रतिबंध संघर्ष वाले इलाकों में हथियारों की सप्लाई रोकने का अहम टूल हैं। इन्हें बिना पक्षपात निष्पक्ष तरीके से लागू करना चाहिए।
हरीश ने बताया कि छोटे हथियारों की तस्करी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। यह समस्या बहुआयामी है। विकास, सुरक्षा, मानवीय और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर असर डालती है। भारत हथियारों की गैरकानूनी व्यापार को रोकने, खत्म करने और नियंत्रित करने को अहम मानता है। इसके लिए सुरक्षा और विकास के पहलुओं पर एकीकृत तरीके से काम करना जरूरी है।
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इस दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को अनिवार्य बताया। इस सहयोग में डायवर्जन रोकना, तस्करी नेटवर्क तोड़ना, कस्टम्स और बॉर्डर कोऑर्डिनेशन सुधारना तथा समय पर इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान है। हरीश ने कहा, भारत यूएन प्रोग्राम ऑफ एक्शन और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रयास दोगुना करने का समर्थन करता है, जिसमें राष्ट्रीय कानून, प्रवर्तन, एक्सपोर्ट कंट्रोल, जानकारी साझा करना और क्षमता निर्माण शामिल हैं।






