एस. जयशंकर का मार्को रुबियो से मुलाकात, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
US India Trade Tensions: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र के दौरान या उसके इतर अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और हाल के महीनों में उत्पन्न हुए मतभेदों को दूर करना है।
यह साल जयशंकर और रुबियो के बीच तीसरी मुलाकात होगी। पिछली बार उनकी बातचीत 1 जुलाई को वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई थी। इससे पहले, जनवरी में जयशंकर ने रुबियो से उनके पद संभालने के कुछ ही दिनों बाद मुलाकात की थी। हाल के विवादों की बात करें तो, अमेरिका भारत की रूसी तेल खरीद पर नाराज होकर भारी व्यापार शुल्क लगा चुका है, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। इस नई मुलाकात के साथ, जयशंकर और रुबियो पहली बार इस विवाद के बाद आमने-सामने मिल रहे हैं।
अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ लागू किया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हो गया। इस बीच, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन में व्यापार वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सीनेट सदस्य मार्को रुबियो से होने वाली यह मुलाकात अहम मानी जा रही है, खासकर तब जब हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के लिए शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। ट्रंप के इस आदेश के तहत एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क 100,000 डॉलर तक बढ़ा दिए गए हैं, जिससे टेक इंडस्ट्री में भारी हलचल मच गई है और इस वीजा पर निर्भर कर्मचारियों में असुरक्षा की स्थिति पैदा हो गई है।
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व्हाइट हाउस ने शनिवार को आईएएनएस को दिए एक खास बयान में स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए वीज़ा के लिए एक बार ही लागू होगा। मौजूदा वीज़ा या वीज़ा नवीनीकरण पर यह शुल्क नहीं लगेगा। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक्स पर भी लिखा कि जिनके पास पहले से एच-1बी वीज़ा है और जो इस समय विदेश में हैं, उन्हें अमेरिका में दोबारा प्रवेश के लिए 1,00,000 डॉलर नहीं चुकाने होंगे।
(आईएएनस इनपुट के साथ)