हूतियों की चाल में फंसा अमेरिका, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका द्वारा यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर लगातार तेज हमले किए जा रहे हैं। इन हमलों के बीच, हूती विद्रोहियों ने भी अमेरिका को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने छह सप्ताह से भी कम समय में अमेरिका के सात रीपर ड्रोन को निशाना बनाकर गिरा दिया। इस हमले के कारण अमेरिका को 20 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के विमानों का नुकसान हुआ है।
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, पिछले सप्ताह तीन ड्रोन को नष्ट किया गया था, जो यह दर्शाता है कि हूतियों के पास इतनी क्षमता है कि वे यमन के ऊपर उड़ने वाले इन मानवरहित ड्रोन को निशाना बना सकते हैं। अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी कि रीपर ड्रोन का उपयोग हमला करने या निगरानी के उद्देश्य से किया जा रहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया अभियान शुरू करने का आदेश दिया है, जिसके बाद अमेरिकी सेना ने हूतियों के खिलाफ अपनी हमलावर कार्रवाई में वृद्धि की है। सेना का कहना है कि जब तक हूती समंदर में जहाजों पर हमले बंद नहीं कर देंगे, तब तक यह घातक कार्रवाई जारी रहेगी। इस नए अभियान के तहत, अमेरिका ने अब तक हूतियों पर 750 से अधिक हमले किए हैं।
एक अन्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ड्रोन के नष्ट होने का कारण गोलीबारी हो सकता है, लेकिन इन घटनाओं की जांच अभी जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी हमलों में वृद्धि के कारण विमानों को खतरा बढ़ सकता है। अधिकारी ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका क्षेत्र में अपने सैनिकों, उपकरणों और सभी साझा हितों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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बता दें कि यमन के हूती विद्रोहियों ने बुधवार को इजरायल पर मिसाइल से हमला किया। यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिका द्वारा हूती विद्रोहियों को लगातार निशाना बनाए जा रहे थे। हमले के कारण इजरायल के हाइफा, क्रयोट और अन्य क्षेत्रों में सायरन की आवाज सुनाई दी, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया और वे सुरक्षित स्थानों पर भाग गए। इजरायली सेना के अनुसार, हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ है और ऐसा प्रतीत होता है कि मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया।
दरअसल, हूतियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। नवंबर 2023 से जनवरी 2024 तक, हूतियों ने लाल सागर में 100 से अधिक व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया और दो जहाजों को डुबो दिया, जिससे चार नाविकों की मौत हो गई। इन हमलों के कारण लाल सागर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव पड़ा। हालांकि, अमेरिका द्वारा हूतियों पर किए गए हमलों में कितने लोग मारे गए और किन ठिकानों को निशाना बनाया गया, इस बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। हूतियों ने भी अपने हमलों की जानकारी बहुत कम साझा की है।