डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
तेल अवीव: ईरान के साथ युद्ध खत्म होने के बाद इजरायल के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। खाड़ी क्षेत्र के कई मुस्लिम देश अब इजरायल को आधिकारिक मान्यता देने की तैयारी में हैं। यह जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने दी है।
विटकॉफ ने सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि व्हाइट हाउस को उम्मीद है कि अब्राहम समझौते से जुड़े देशों की तरफ से जल्द ही कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। याद रहे कि साल 2020 में, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान, अब्राहम समझौता मध्य पूर्व में एक ऐतिहासिक घटना थी। इस समझौते के तहत संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध सामान्य करने पर सहमति जताई थी। अब इसी तरह के और कदम उठाए जा सकते हैं।
विटकॉफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की मुख्य प्राथमिकता अब्राहम समझौते का दायरा बढ़ाना है। उन्होंने यह भी बताया कि वे और उनकी टीम विदेश मंत्री मार्को रुबियो तथा विदेश विभाग के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं, ताकि इस समझौते में और देशों को जोड़ा जा सके। विटकॉफ के अनुसार, इससे मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति और स्थिरता को मजबूती मिलेगी।
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उन्होंने कहा, “हम उन देशों के साथ संबंध सुधारने की उम्मीद कर रहे हैं, जिनके बारे में पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि वे इस प्रक्रिया में भाग लेंगे। इसीलिए हम इस संभावना को लेकर बहुत उत्साहित हैं। यह प्रयास मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने में भी मदद करेगा।” विटकॉफ ने इशारा किया कि जल्द ही कुछ नए देशों द्वारा इजरायल से संबंध स्थापित करने की घोषणा की जा सकती है, हालांकि उन्होंने इन देशों के नाम उजागर नहीं किए।
उन्होंने ने ईरान के साथ शांति समझौते की संभावना व्यक्त की है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ईरान का परमाणु संवर्धन करना और परमाणु हथियार विकसित करना अमेरिका के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन के विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि वे ईरान के साथ एक व्यापक शांति समझौते की आशा करते हैं।