ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट बी. एगेडे, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ग्रीनलैंड में बढ़ती रुचि के कारण वहां के प्रधानमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसके चलते उन्होंने 11 मार्च को देश में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही, संसद में इस बात पर भी चर्चा हुई कि चुनाव के दौरान मिलने वाले विदेशी राजनीतिक चंदे पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए विदेशी चुनावों में बाहरी हस्तक्षेप पर प्रतिबंध एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि ट्रंप की नजर ग्रीनलैंड पर है और वे वहां ऐसे नेता का समर्थन करना चाहेंगे, जो अमेरिकी हितों के अनुकूल हो। इस बीच, ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री मूटे बोर्ग एगेडे ने सोशल मीडिया पर बिना ट्रंप का नाम लिए संकेत दिया कि देश एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह समय आपसी मतभेद बढ़ाने का नहीं, बल्कि देशहित में एकजुट होकर सहयोग करने का है। उन्होंने यह भी जताया कि वे जनता की सेवा करने और देश का नेतृत्व संभालने के लिए फिर से तैयार हैं।
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने मंगलवार को 11 मार्च को आम चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में आर्कटिक द्वीप की स्वतंत्रता प्रमुख मुद्दा बनी रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्रीनलैंड को खरीदने की नई इच्छा ने देशभक्ति की भावना को और मजबूत कर दिया है। प्रधानमंत्री एगेडे ने कहा कि देश एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, इसलिए वह संसद से इस प्रस्ताव को मंजूर करने का अनुरोध किया है।
इस विधेयक से विदेशी चंदे पर प्रतिबंध लग जाएगा। इस कानून के तहत अब कोई भी राजनीतिक दल विदेश से वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं कर सकेगा। इस कदम का उद्देश्य देश की राजनीति की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखना है। यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
संसदीय दस्तावेजों के अनुसार, ग्रीनलैंड की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक पेश किया गया है। संसद की वरिष्ठ कानूनी अधिकारी केंट फ्रिडबर्ग ने बताया कि अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि किसी दल को विदेशी चंदा मिला है या नहीं, लेकिन कुछ रूसी नेताओं ने चंदा देने की इच्छा जताई थी।
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इस नए विधेयक के अनुसार, किसी भी पक्ष को कुल 200,000 डेनिश क्रोनर (लगभग 27,700 डॉलर) से अधिक का चंदा प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, किसी एकल दाता से 20,000 क्रोनर (लगभग 2,770 डॉलर) से अधिक का योगदान लेना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।