बॉर्डर पर 40 हजार जवान तैनात, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
Russia Poland News: यूरोप में फिर से तनाव का माहौल पैदा हो गया है। पोलैंड ने रूस और बेलारूस की संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘जापाद-2025’ से पहले अपने पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में 40,000 सैनिक तैनात कर दिए हैं। प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी दुनिया अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर संघर्ष के कगार पर है। यह कदम उस समय उठाया गया जब बीते हफ्ते रूसी ड्रोन 19 बार पोलिश हवाई क्षेत्र में घुस आए।
टस्क ने इसे अब तक की सबसे गंभीर उकसावे वाली घटना बताया। इसके अलावा, पोलैंड ने नाटो की आर्टिकल 4 को भी लागू कर दिया है, जिसके तहत सदस्य देश मिलकर सुरक्षा उपायों पर चर्चा करते हैं। पोलैंड की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी आपात बैठक बुलाने का ऐलान किया है।
‘जापाद’ का मतलब है ‘पश्चिम’। यह सैन्य अभ्यास रूस हर चार साल में बेलारूस के साथ मिलकर करता है। आधिकारिक तौर पर इसे रक्षात्मक कदम बताया जाता है, लेकिन असल में यह रूस की ताकत दिखाने का बड़ा मंच माना जाता है। इस बार यह अभ्यास 13 से 16 सितंबर तक चलेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें नई ओरेश्निक परमाणु मिसाइल भी दिखाई जा सकती है। पिछली बार 2021 में रूस ने करीब 2 लाख सैनिक उतारे थे, जिसे बाद में यूक्रेन पर हमले की तैयारी के रूप में देखा गया।
पोलैंड को आशंका है कि यह कवायद महज दिखावा हो सकती है और असली उद्देश्य नए सैन्य जमावड़े को छिपाना है। वहीं, जर्मनी और नाटो प्रमुख ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यूरोप को रूस के तेजी से बढ़ते हथियारों के भंडार को लेकर सतर्क रहना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रूस परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों के इस्तेमाल की संभावना को भी परख सकता है।
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रूस-बेलारूस की सैन्य कवायद के जवाब में नाटो और पोलैंड ने भी “आयरन-डिफेंडर-25” नामक बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इस ड्रिल में 30,000 सैनिकों के साथ 600 से अधिक हथियारबंद यूनिट्स जमीन, समुद्र और आसमान से संयुक्त अभ्यास कर रही हैं। पोलैंड के उप रक्षा मंत्री सेज़ेरी टोम्ज़िक ने कहा, “यही वह इलाका है जहां से यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस बार पोलिश सेना और नाटो मिलकर हर चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”