सांकेतिक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
काबुल: अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमा क्षेत्र में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए। भूकंप की गहराई 86 किमी थी। यह झटके भारतीय समयानुसार 12:20 बजे महसूस किए गए और कुछ सेकंडों तक जारी रहे। इस भूकंप से लोग डर गए, लेकिन फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के अनुसार, गहराई अधिक होने के कारण भूकंप के प्रभाव दूर-दूर तक महसूस हुए।
इसके अलावा, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार को इस्लामाबाद और पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों में सुबह 11:47 बजे एक बार फिर 5.9 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र भी अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में था। राहत की बात यह है कि अब तक किसी तरह का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।
बता दें कि पाकिस्तान में एक हफ्ते के भीतर तीसरी बार भूकंप आया है। इससे पहले 13 अप्रैल को 5.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था, जिसका केंद्र इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी में था। इस भूकंप के झटके पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (KPK) के कई क्षेत्रों में महसूस किए गए। लगातार आ रहे भूकंपों के कारण स्थानीय लोग घबराए हुए हैं, और कई स्थानों पर सुरक्षा कारणों से स्कूलों और कार्यालयों को खाली कर दिया गया है।
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भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि 28 मार्च को म्यांमार के मांडले इलाके में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने के बाद से दक्षिण और मध्य एशिया में भूकंपीय गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। पिछले एक महीने में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और नेपाल जैसे देशों में 100 से अधिक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह क्षेत्र हिमालयन फॉल्ट लाइन और यूरेशियन व इंडो-ऑस्ट्रेलियन टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन बिंदु पर स्थित है, जिसे भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
दरअसल, पाकिस्तान एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटों का मिलन होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप इन टेक्टॉनिक प्लेटों में संचित ऊर्जा को बाहर निकालने का काम करते हैं, जिससे बड़े भूकंप की संभावना कम Earthquakeहो सकती है। फिर भी, लगातार आने वाले भूकंपों के कारण लोगों में चिंता बनी रहती है।