डोनाल्ड ट्रंप, (नवनिर्वाचित राष्ट्रपति, अमेरिका)
वाशिंगटन: रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष को लेकर अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने यह साफ कर दिया है कि इन दोनों देश के बीच जारी युद्ध को समाप्त कराना उनकी सरकार का मकसद है। ट्रंप ने एक बयान में यह बाते कही है। वहीं युद्ध में लोगों के मारे जाने पर उन्होंने दुख भी जताया है। ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम एशिया में भी शांति बनाने के लिए कोशिश करेगी।
ट्रंप ने अपने बयान में आगे कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए हमें काफी मेहनत करना होगा। दोनों देशों के लंबे समय से चल रहे युद्ध को रोका जाएगा। मार-ए-लागो में आयोजित अमेरिका फर्स्ट पालिसी इंस्टीट्यूट की बैठक को संबोधित करते हुए निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने यह बात कही है। पांच नवंबर को अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप पहली बार रणनीतिक मामले पर खुलेआम बयान दिया है।
बैठक में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में मैंने ताजा रिपोर्ट देखी है। करीब तीन वर्षों से जारी इस युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं। ये लोग सैनिक भी हैं और आमजन भी। इसलिए हमें युद्ध रुकवाने के लिए कार्य करना होगा। ट्रंप ने कहा, उनकी सरकार की प्राथमिकता युद्ध रुकवाने की होगी, क्योंकि यह अमेरिकी संसाधनों को बहाने जैसा मामला है। अमेरिकी संसाधनों से ट्रंप का मतलब यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता से है।
ट्रंप के इस बयान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप सरकार में युद्ध के जल्द खत्म होने की उम्मीद है। युद्ध के खत्म होने की कोई तारीख नहीं बताई जा सकती है लेकिन व्हाइट हाउस में आने वाली नई सरकार की जो नीति है उसके चलते युद्ध जल्द खत्म हो जाएगा। जेलेंस्की ने यूक्रेन को न्यायोचित शांति मिलने पर जोर दिया।
दोनों देशों के बीच फ़रवरी 2022 में युद्ध शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक दोनों तरफ से जमकर ड्रोन हमले हुए हैं। जानकारी के मुताबिक यूक्रेन ने रूस के खिलाफ 80 से ज्यादा ड्रोन इस्तेमाल किए। इनमें से कुछ का लक्ष्य मॉस्को था। जबकि रूस ने यूक्रेन पर 140 से ज्यादा ड्रोन हमले किए हैं। इस युद्ध में यह बात खासतौर पर सामने आई कि इसमें ड्रोन का इस्तेमाल खूब हुआ है, जिसने युद्ध के मामलों में एक क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। गोला-बारूद और हथियारों के साथ-साथ ड्रोन की मौजूदगी ने सेना की ताकत को न सिर्फ बढ़ाया है बल्कि युद्ध क्षेत्र में प्रभावी भी बनाया है।