सीरिया में असद समर्थकों और सरकार के बीच भीषण संघर्ष, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: सीरिया में बशर अल असद के सत्ता छोड़ने और नई इस्लामी सरकार के गठन के बाद पहली बार भीषण हिंसा भड़क उठी है। गुरुवार को असद समर्थक अलावाइट समुदाय और नई सरकार के सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष शुरू हुआ, जो शुक्रवार तक जारी रहा। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दिसंबर में विद्रोहियों ने सत्ता पलट कर बशर अल असद को हटाया था, जिसके बाद नई सरकार का गठन हुआ था।
सीरिया में हुई भीषण हिंसा के लिए सरकार का कहना है कि असद के समर्थक लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसके कारण संघर्ष शुरू हुआ। वहीं, सुरक्षा बलों पर रिहायशी इलाकों पर बमबारी करने का आरोप लगाया जा रहा है। यह हिंसक झड़प पिछले साल दिसंबर में बशर अल असद को सत्ता से हटाने के दौरान हुए संघर्ष के बाद सबसे गंभीर मानी जा रही है। सीरिया की इस स्थिति पर सऊदी अरब, तुर्की, रूस, ईरान और संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
ब्रिटिश स्थित युद्ध निगरानी समूह, सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरिया में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। लताकिया और टार्टस शहरों में संघर्ष भड़कने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। नई सरकार के सुरक्षा बल तटीय क्षेत्रों में अलावाइट समुदाय पर हमले कर रहे हैं। ये क्षेत्र अलावाइट अल्पसंख्यक और असद परिवार का गढ़ माने जाते हैं, जो इसी संप्रदाय से संबंधित हैं।
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शुक्रवार को सीरियन ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि इस हिंसा में 71 लोगों की जान गई है, जिनमें 35 सरकारी सैनिक, पूर्व शासन की सेना से जुड़े 32 बंदूकधारी और 4 नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा, 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बदले की कार्रवाइयों के दौरान गांवों में करीब 140 लोगों की हत्या कर दी गई, जिनमें कम से कम 50 सरकारी सैनिक और असद के समर्थक 45 लड़ाके शामिल हैं।
सीरियाई अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार को असद समर्थक लड़ाकों द्वारा योजनाबद्ध हमले के बाद हिंसा भड़क उठी। असद के वफादार मिलिशिया समूहों ने जबलेह क्षेत्र और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा गश्ती दल और चौकियों पर हमला किया। इसके जवाब में, सुरक्षाबलों ने अलावी समुदायों के गावों पर बमबारी की।
अलवी इस्लामिक काउंसिल ने सीरियाई सरकार पर हिंसा करने का आरोप लगाया है और कहा है कि सीरियाई जनता को डराया-धमकाया जा रहा है। काउंसिल ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि अलवी क्षेत्रों को अपने संरक्षण में लिया जाए। सऊदी अरब ने भी सीरिया में सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की निंदा की है, जबकि सीरिया की नई सरकार के सहयोगी तुर्की ने बढ़ती हिंसा पर चिंता जाहिर की है।