(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंसा के बाद से ही सुर्खियों में बना हुआ है। यहां हिंसा और आगजनी के बीच अब उपद्रवियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना भी बनाना शुरू कर दिया है। हिंदुओं के घर-दुकानों में आग लगाई जा रही है, यहां तक कि बांग्लादेश में बने हिंदू मंदिर भी अब इस हिंसा के चलते खाक हो गए हैं। यहां मंदिर हो या गुरुद्वारा किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा है। शहरों में अब हिंदू नेताओं को टारगेट कर उन पर हमले किए जा रहे हैं।
इस हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं पर हमला किया गया तथा अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दो हिंदू नेताओं की उत्तर-पश्चिमी सिराजगंज और रंगपुर में हत्या कर दी गई, जो हसीना की अवामी लीग पार्टी के नेता थे।
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बांग्लादेश में जिन जिलों में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके घरों या व्यवसायों पर हमला किया गया, उनमें पंचगढ़, दिनाजपुर, रंगपुर, बोगुरा, सिराजगंज, शेरपुर, किशोरगंज, पश्चिम जशोर, मगुरा, नरैल, दक्षिणपश्चिम खुलना, पटुआखली, सतखीरा, मध्य नरसिंगडी, तंगैल, उत्तर पश्चिम लक्खीपुर, फेनी, चटगांव और हबीगंज शामिल हैं। गुस्साई भीड़ ने यहां पर देश के करीब 27 जिलों में हिंदुओं के घरों के साथ ही उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है।
गैरतलब है कि बांग्लादेश में 1 करोड़ 31 लाख के करीब हिंदू हैं, उनके घरों और दुकानों को आग के हवाले किया जा रहा है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि वहां रहने वाले करीब 7% हिंदू बीते 2 दिनों से खौफ के साये में हैं। बांग्लादेश में रहने वाला अल्पसंख्यक समुदाय बीते कुछ दिनों से डर से साये में रहने को मजबूर है।
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हालांकि यह पहली बार नहीं है, बांग्लादेश में हिंदुओं पर बीते कई सालों से हमले होते आ रहे हैं। हिंदुओं के मंदिर, घर, दुकानों, पांडाल में तोड़फोड़ और लूटपाट की कई खबरें यहां आम बातें हैं। इससे पहले भी बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर और हिंदुओं पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के घरों, मंदिरों और उनके व्यासायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने पर भारत की मोदी सरकार ने भी चिंता जताई है। केंद्र सरकार का कहना है कि वहां के मौजूदा हालात पर वे बारीकी से नजर रख रहे हैं।