कोलंबिया यूनिवर्सिटी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
न्यूयॉर्क: कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसका मिडिल ईस्ट स्टडीज डिपार्टमेंट अब नए पर्यवेक्षण के तहत काम करेगा और छात्र अनुशासन तथा विरोध प्रदर्शनों से जुड़े नियमों में संशोधन किया जाएगा। यह फैसला ट्रंप प्रशासन के दबाव के बाद लिया गया, जिसने यूनिवर्सिटी को चेतावनी दी थी कि यदि ये बदलाव लागू नहीं किए गए तो अरबों डॉलर की सहायता रद्द हो सकती है।
यूनिवर्सिटी की अंतरिम अध्यक्ष कैटरीना आर्मस्ट्रांग के अनुसार, संस्थान यहूदी-विरोध की एक नई परिभाषा अपनाएगा और अपने इजरायल एवं यहूदी अध्ययन संस्थान में अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति कर ‘बौद्धिक विविधता’ को बढ़ावा देगा।
कुछ शिक्षकों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले समूहों ने विश्वविद्यालय के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर यह कदम उठाया है। न्यूयॉर्क सिविल लिबर्टीज यूनियन की कार्यकारी निदेशक, डोना लेबरमैन ने अपने बयान में कहा कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी का यह आत्मसमर्पण पूरे देश में शैक्षणिक स्वतंत्रता और कैंपस में अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
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इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप प्रशासन ने गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के विश्वविद्यालय के तरीके को लेकर अनुसंधान अनुदान और अन्य वित्तीय सहायता से लगभग $400 मिलियन (करीब 3500 करोड़ रुपये) की कटौती कर दी थी।
शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में आर्मस्ट्रांग ने संकेत दिया कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित लगभग सभी सुधारों को लागू करने के लिए तैयार है। आदेश के अनुसार, विश्वविद्यालय अब नए सार्वजनिक सुरक्षा कर्मियों की भर्ती करेगा और उन्हें परिसर में गिरफ्तारियां करने का अधिकार प्रदान करेगा। साथ ही, छात्रों को शैक्षणिक भवनों में विरोध प्रदर्शन करने से रोका जाएगा और अनुशासन बनाए रखने की शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा, छात्रों को परिसर में पहचान छिपाने के उद्देश्य से फेस मास्क पहनने की अनुमति नहीं होगी, हालांकि यह नियम स्वास्थ्य या धार्मिक कारणों से मास्क पहनने वालों पर लागू नहीं होगा।