दावोस में क्लॉस श्वाब से मिले CM फडणवीस (सोर्स: एक्स@MahaDGIPR)
मुंबई: स्विट्जरलैंड के दावोस में सोमवार से शुरू हो रहे विश्व आर्थिक मंच के ‘शिखर सम्मेलन 2025’ के लिए महाराष्ट्र पवेलियन तैयार हो गया है। सम्मेलन में शामिल होने के लिए दावोस पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक अध्यक्ष क्लॉस श्वाब से मुलाकात की। दावोस में और अगले दो दिन कार्यक्रमों की भरमार रहेगी। इस दौरान विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के लिए रिकॉर्ड तोड़ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और विभिन्न कंपनियों के साथ बैठकें भी होंगी।
क्लॉस श्वाब को विश्व आर्थिक मंच का संस्थापक कहा जाता है। उन्हीं की पहल पर हर साल विश्व आर्थिक मंच का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को श्वाब से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात के दौरान हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों सहित उद्योग जगत के नए घटनाक्रमों एवं विकास के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर श्वाब ने महाराष्ट्र के विकास की भी कामना की।
मुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis यांनी आज ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’चे संस्थापक अध्यक्ष @ProfKlausSchwab यांची भेट घेतली. दावोसमध्ये महाराष्ट्र पॅव्हेलियन आता सज्ज झाले असून, पुढचे दोन दिवस भरगच्च कार्यक्रमांचे असणार आहेत. महाराष्ट्रासाठी विक्रमी सामंजस्य करार यात होणार आहेत.#WEF25@wef pic.twitter.com/0rUPqnhvPX — MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) January 20, 2025
गौरतलब हो कि क्लॉस श्वाब गत वर्ष गणेशोत्सव के दौरान एक बैठक के लिए मुंबई आये थे। उस समय 12 सितंबर को वह और उनकी पत्नी देवेंद्र फडणवीस के सरकारी निवास ‘सागर’ आए थे। वह वहां भगवान गणेश की आरती में भी शामिल हुए थे।
श्वाब से मुलाकात के साथ ही दावोस में देवेंद्र फडणवीस की यात्राओं और बैठकों का दौर शुरू हो गया है। वह कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ दावोस में भारतीय मंडप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे। वह विश्व आर्थिक मंच के स्वागत समारोह में भी भाग लेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय समय के अनुसार मध्य रात्रि के बाद होगा।
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सीएम फडणवीस ने सोमवार को होरेस के चेयरमैन फ्रैंक जुर्गन रिक्टर से भी मुलाकात की। फ्रैंक विश्व आर्थिक मंच के पूर्व निदेशक भी हैं। उन्होंने आगामी समय में मुंबई में वैश्विक कंपनियों का एक सम्मेलन आयोजित करने की पहल की। राज्य सरकार के सहयोग से इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने, नई प्रौद्योगिकी और नवाचार पर जोर देने तथा होरासिस का मुख्यालय मुंबई में स्थापित करने पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई।