
चीन की सबसे बड़ी सैन्य ड्रिल से कांपी दुनिया, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
China Justice Mission 2025 News In Hindi: चीन ने मंगलवार को ताइवान के आसपास के जलक्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अब तक का सबसे व्यापक युद्ध अभ्यास किया। इन अभ्यासों के दौरान चीन की सेना ने ताइवान के उत्तर और दक्षिण में स्थित समुद्री इलाकों में रॉकेट दागे, नए हमलावर युद्धपोतों का प्रदर्शन किया और हवाई व समुद्री लक्ष्यों पर हमलों का पूर्वाभ्यास किया।
बीजिंग ने साफ संदेश दिया कि भविष्य में ताइवान को अपने नियंत्रण में लेने के किसी भी प्रयास में अमेरिका या उसके सहयोगी देशों के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम से शुरू हुए इन अभ्यासों का नेतृत्व चीन की पूर्वी रंगमंच कमान (Eastern Theater Command) कर रही है। जानकारी के अनुसार, नाकाबंदी की रणनीति को परखने के लिए करीब 10 घंटे तक लाइव फायरिंग का अभ्यास किया गया। इस दौरान ताइवान के बेहद नजदीक समुद्री इलाकों में मिसाइल और रॉकेट फायर किए गए।
चीनी नौसेना और वायुसेना की इकाइयों ने संयुक्त अभियान के तहत समुद्री और हवाई लक्ष्यों पर हमलों का अभ्यास किया। इसके साथ ही द्वीप के चारों ओर पनडुब्बी रोधी (Anti-Submarine Warfare) ड्रिल भी की गई। चीन के सरकारी मीडिया ने इस अभ्यास से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो जारी किए, जिनमें देश की सैन्य और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया गया। इन रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया कि जरूरत पड़ने पर चीन बलपूर्वक ताइवान पर कब्जा करने में सक्षम है।
यह अभ्यास ऐसे समय शुरू हुए हैं जब अमेरिका ने ताइवान को रिकॉर्ड 11.1 अरब डॉलर के हथियार पैकेज की घोषणा की थी। इस घोषणा के महज 11 दिन बाद चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिए जिससे बीजिंग की नाराजगी और सख्त रुख साफ नजर आता है। चीनी रक्षा मंत्रालय पहले ही यह साफ कर चुका है कि ऐसे किसी भी कदम के जवाब में वह जरूरत पड़ने पर कठोर और बलयुक्त कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकेगा।
यह भी पढ़ें:- खाड़ी में महाटकराव! सऊदी अरब के अल्टीमेटम के बाद यमन से UAE ने हटाई सेनाएं, तनाव चरम पर
पहली बार चीन की सेना ने खुलकर कहा है कि इन अभ्यासों का उद्देश्य ‘बाहरी ताकतों’ के हस्तक्षेप को रोकना है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सीधे तौर पर अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों को संदेश देने के लिए दिया गया है।
वहीं ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ताइवान के अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिक पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं लेकिन ताइपे हालात को और अधिक भड़काना नहीं चाहता। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि मंगलवार सुबह उत्तर दिशा में फायरिंग हुई जिसका मलबा 24 समुद्री मील के सटे क्षेत्र में गिरा।






