
चांद पर उतरा इंसान। इमेज-एआई
China Moon Mission: मानव ने आखिरी बार 50 साल पहले चंद्रमा पर कदम रखा था। अब चीन धीरे-धीरे अंतरिक्ष यात्रियों को फिर चंद्रमा की सतह पर उतारने की दिशा में काम कर रहा है। 30 अक्टूबर को चीन के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन की 2030 तक चंद्र मिशन शुरू करने की योजना ट्रैक पर है। अमेरिका को डर है कि चीन नासा के प्रयास से पहले चंद्रमा पर उतरता है तो अमेरिका की अंतरिक्ष यात्रा राष्ट्र के रूप में दर्जे को नुकसान पहुंच सकता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का आर्टेमिस 3 मिशन 1972 में अपोलो 17 के बाद से चंद्रमा की सतह पर पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा। जो कि 2027 में लॉन्च होने वाला है। मगर, देरी इसे बीजिंग की नियोजित चंद्र उड़ान के बहुत करीब ला सकती है।
चीनी मानव चंद्र मिशन की आगामी तिथि देश के लिए उल्लेखनीय प्रक्षेपवक्र का प्रतिनिधित्व करती है। 2003 में बीजिंग ने पहली बार यांग लीवेई को शेंझोउ 5 मिशन पर अंतरिक्ष में भेजा था। चीन की चंद्रमा पर लैंडिंग के लिए दशकों की तैयारी 1960 और 1970 में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अंतरिक्ष दौड़ की विशेषताओं या पहली उपलब्धियों को दर्शाती है। चीन ने पहली अंतरिक्ष यात्री मिशन से आगे बढ़कर दो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा, उसके बाद तीन सदस्यीय मिशन लॉन्च किया। उसमें चीनी अंतरिक्ष यात्री का पहला अंतरिक्ष भ्रमण शामिल था। उसके बाद देश ने पृथ्वी की निचली कक्षा में तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन बनाया। जब 2030 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन सेवानिवृत्त होगा तो यह चीन को पृथ्वी कक्षा में स्थायी चौकी वाला इकलौता देश बना देगा।
31 अक्टूबर को चीन की शेंझोउ-21 उड़ान ने तीन चालक दल के सदस्यों को तियानगोंग कक्षीय चौकी पर भेजा गया। उन्होंने अप्रैल से अंतरिक्ष स्टेशन पर रह रहे तीन अन्य चीनी अंतरिक्ष यात्रियों से संचालन संभाले रखा। अब ऐसी चालक दल की अदला-बदली चीन के लिए सामान्य हो गई है। यह चंद्र मिशन की तैयारी करते हुए देश की प्रभावशाली क्षमताओं को और प्रदर्शित करती है। हालांकि, तीनों अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर वापसी में देर से हुई, क्योंकि उनके कैप्सूल पर अंतरिक्ष कचरे से टक्कर लगी। यह याद दिलाता है कि अंतरिक्ष शत्रुतापूर्ण वातावरण है, चाहे मिशन कितने ही सामान्य क्यों न लगें। चीन ने जैसे अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति को धीरे-धीरे मजबूत किया है, वह इसकी तकनीकी क्षमता को उजागर करता है। 1970 के दशक से चीन ने लॉन्ग मार्च रॉकेट परिवार के 20 से अधिक प्रकार विकसित किए हैं, जिनमें से 16 सक्रिय हैं।
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खास बात है कि चीन की रॉकेटों की सफलता दर 97% है। यह स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट की 99.46% सफलता दर से थोड़ा ही कम है। चीन ने अपने विश्वसनीय लॉन्चरों के साथ अंतरिक्ष मील के पत्थरों के लिए सटीक योजना और यथार्थवादी समयसीमाएं बनाने में सक्षम हो सका है। अगस्त में चीन ने अपने नवीनतम लॉंग मार्च 10 मॉडल का ग्राउंड टेस्ट किया था। यह मॉडल 2030 में अगली पीढ़ी के मेंगझोउ चालक दल कैप्सूल पर सवार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने के लिए तैयार किया गया है। यह शेंझोउ अंतरिक्ष यान को बदल देगा, जो मानव मिशनों का मुख्य वाहन रहा है।






