सांकेतिक तस्वीर
MI5 Warns British MP: ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने हाल ही में देश के सांसदों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि चीन, रूस और ईरान के जासूस ब्रिटेन के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। MI5 ने दावा किया है कि ये देश अपने फायदे के लिए सांसदों की नीजि जानकारी इकठ्ठा कर रहे है। जिसे इस्तेमाल वो ब्लैकमेल करने के लिए कर सकते हैं।
MI5 के मुताबिक, इन देशों के एजेंट लगातार सांसदों और उनके सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं ताकि वे संवेदनशील जानकारी हासिल कर सकें। इसके लिए वे ब्लैकमेल, फिशिंग हमलों, या फिर राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने के लिए वित्तीय दान की पेशकश जैसी रणनीति अपना सकते हैं।
MI5 की ओर से जारी चेतावनी में यह भी कहा गया है कि सांसदों को अपनी ऑनलाइन गतिविधियों, विदेश यात्राओं और व्यक्तिगत मुलाकातों के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। MI5 प्रमुख केन मैक्कलम ने सांसदों से किसी भी असामान्य सामाजिक संपर्क पर नजर रखने और ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी है।
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर चीन के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। बावजूद इसके, हाल के वर्षों में ब्रिटेन और चीन के बीच आपसी संबंधों में तनाव रहा है और दोनों देश एक-दूसरे पर जासूसी के आरोप लगाते रहे हैं। MI5 की यह ताजा चेतावनी ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दर्शाती है और यह भी बताती है कि विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए देश को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
चीन पर अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसी के आरोप लगते हैं। उस पर साइबर हमलों, सरकारी दस्तावेज चुराने और तकनीकी कंपनियों से डेटा चुराने के आरोप लगे हैं। अमेरिका, भारत और अन्य देशों ने हुआवेई जैसी कंपनियों को सुरक्षा खतरा बताया है। टिकटॉकजैसी ऐप्स के जरिए डेटा निगरानी की आशंका भी जताई गई है।
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कई बार चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं पर भी जासूसी का संदेह जताया गया है। हालांकि, चीन इन आरोपों को नकारता है और खुद को तकनीकी प्रगति और शांतिपूर्ण विकास का समर्थक बताता है। फिर भी विश्व में उस पर अविश्वास बना हुआ है।